
शिमला के लोअर बाजार में अगर ये आग रात के समय लगती तो पूरा का पूरा बाजार राख हो जाता। ऐसे में दमकल विभाग को भी इतनी बड़ी आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती और कईयों को जान से भी हाथ धोना पड़ सकता था। इसका मुख्य कारण शिमला के लोअर बाजार में दुकानों का एक साथ सट कर होना। क्योंकि यहां पर एक दुकान से दूसरी दुकान तक आग पहुंचने में चंद मिनट लगते, जिससे पूरा का पूरा लोअर बाजार ही आग की चपेट में आ जाता।
शिमला का लोअर बाजार इतना संकरा है कि यहां पर दमकल वाहन भी आसानी से नहीं गुजर सकता। तीन जगह तो ऐसी हैं जहां पर बड़े वाहन को निकालना परेशानी भरा हो जाता है। इसके अलावा सड़क के बीच लगे बिजली के पोल भी वाहनों के रास्ते में रोड़ा बने खड़े रहते हैं। दिन के समय बीच सड़क पर बैठे तहबाजारी भी पूरी तरह से परेशानी बने हुए हैं। इन तहबाजारियों के कारण ही यहां पर ज्यादा परेशानी खड़ी हो गई है। वहीं दमकल विभाग के अधिकारियों की मानें तो अगर लोअर बाजार में आग की बड़ी घटना हो जाती है तो उस पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
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