सुन्नी का सबसे बड़ा संकट…आवारा पशु

शिमला— शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के सुन्नी क्षेत्र में आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। लोगों ने खेतीबाड़ी छोड़ दी है और पूरी तरह से अब राशन के लिए दुकानों पर ही आश्रित हो गए हैं। खेतीबाड़ी छोड़ने के कारण यहां पर खेतों के खेत बंजर होकर रह गए हैं। यहां बाजारों में हर वक्त आवारा पशु घूमते रहते हैं। आवारा पशुओं की समस्या को लेकर कृषक विकास संघ तहसीलदार के पास पहुंचा है। कृषक विकास संघ के प्रधान रितु राज, उपप्रधान रमेश वर्मा, सचिव प्रशांत के अलावा अन्य पदाधिकारियों में मोना भारद्वाज, पूर्ण चंद, कांशी राम ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर आवारा पशुओं की समस्या से समाधान की मांग की है। ज्ञापन में किसान संघ का कहना है कि सुन्नी में लगातार बंदरों व आवारा पशुओं का आतंक बढ़ रहा है। हालांकि क्षेत्र में एक गोसदन भी है, जहां पर काफी संख्या में मवेशी रखे गए हैं। इसके बावजूद सुन्नी के बाजारों में आवारा पशु सितम ढहा रहे हैं। दोपहर होते ही खेतों में पशु चरने के लिए पहुंच जाते हैं इतना ही नहीं रात के समय जंगली सूअरों का भी यहां खासा आतंक है, जिससे लोग परेशान हैं और खेती पर ही निर्भर रहने वाले आर्थिकी के लिए मुंह ताक रहे हैं। कृषक विकास संघ ने तहसीलदार से यहां पशुओं को टैग लगाने की योजना को तुरंत अमलीजामा पहनाए जाने की मांग की है ताकि नगर पंचायत के एरिया में मौजूद पशु किसके हैं, इसका पता चल सके। साथ ही बाहर से यहां पर छोड़े जा रहे आवारा पशुओं को लेकर भी लगाम कसने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि बाहर से यहां लाकर बंदर भी छोडे़ जा रहे हैं जो छोटे बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं। ये बंदर अब बच्चों पर कहीं भी हमला बोल रहे हैं। ऐसे में बच्चे भी इन बंदरों से सहम उठे हैं। किसान संघ ने  तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर इन आवारा पशुओं और बंदरों से निजात दिलवाने की मांग उठाई है, ताकि फसलों के साथ-साथ बच्चों को भी नुकसान से बचाया जा सके।


^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal

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