रूसा को बंद न करने के फैसले के खिलाफ रोष, छात्रों के साथ बताया धोखा
शिमला — राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा प्रणाली को लेकर एसएफआई राज्य कमेटी भाजपा सरकार के विरोध में उतर आई है। विधानसभा चुनावों में रूसा प्रणाली को अपने दृष्टि पत्र में शामिल कर अब सत्ता में आने पर रूसा को बंद करने के वादे को पूरा न करने के चलते एसएफआई राज्य इकाई सरकार के विरोध में उतरी है। एसएफआई ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के उस बयान का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने रूसा प्रणाली को बंद न करने का बयान दिया है। एसएफआई राज्य अध्यक्ष विक्रम कायथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले कहा कि यदि वे सत्ता में आते है तो रूसा प्रणाली को बंद करवाया जाएगा व पुराने वार्षिक पैटर्न को प्रदेश के तमाम कालेजों में लागू किया जाएगा। रूसा प्रणाली को बंद करवाने के नाम पर बीजेपी ने प्रदेश के हजारों छात्रों व उनके अभिभावकों के वोट अपनी ओर कर लिए और अब जब बीजेपी सत्ता में आ गई हैं तो रूसा को भी उन्होंने महज एक चुनावी जुमला बना दिया है। एसएफआई का आरोप है कि बीजेपी का यह निर्णय जन व लोकतंत्र विरोधी है जो इस बात को दर्शाता है कि भाजपा को जनता व छात्रों के मुद्दों से कोई भी सरोकार नहीं है। भाजपा सत्ता में आने के लिए उन मुद्दों को अपना हथियार बनाकर हमेशा जनता को बेवकूफ बनाती आई है और आने वाले समय में भी भजपा आम जनता व छात्र समुदाय के हितों से खिलवाड़ करती रहेगी। एसएफआई ने कहा कि हम इन मुद्दों पर चुप नहीं रहेंगे और यदि भाजपा ने रूसा को वापस नहीं लिया व छात्रों की मांगों के साथ न्याय नहीं किया तो एसएफआई आने वाले समय में पूरे प्रदेश के छात्र समुदाय को लामबंद करते हुए भाजपा सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन करेगी और जिसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार स्वयं होगी।
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