शिमला — राजधानी के मशोबरा में झोटों (भैंसे) का दंगल करवाने को लेकर मेला कमेटी पर मामला दर्ज किया गया है। कमेटी पर पशु क्रूरता कानून के तहत मामला बनाया गया है। पुलिस अब कमेटी के सदस्यों को नामजद करेगी। शिमला के समीप मशोबरा के तलाई में काली माता मंदिर परिसर में शनिवार को सायर के अवसर पर झोटों का दंगल करवाने लेकर मेला कमेटी बुरी तरह फंस गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखाकर झोटों का दंगल करवाने को लेकर कमेटी के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इस मेले में मुख्यातिथि विधायक अनिरुद्ध सिंह भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि झोटों के दंगल के दौरान विधायक भी वहीं मौजूद थे। हालांकि विधायक दंगल के समय वहां होने से इनकार कर रहे हैं। मेले के लिए दौरान सुरक्षा न उपलब्ध करवाने को लेकर प्रशासन घिर गया है। वहीं दंगल होने पर भी जिला प्रशासन और पुलिस का पहले तर्क था कि उसको कोई शिकायत व वीडियो मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी। लेकिन बाद में भारी दबाव पड़ने पर पुलिस ने आखिर मेला आयोजकों के खिलाफ ढली थाने में पशु क्रूरता कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब मेला कमेटी के सदस्यों से पूछताछ कर उनको नामजद करेगी।
भीड़ में जा घुसा बेकाबू झोटा, युवक घायल
जानकारी के अनुसार शनिवार को हुए इस दंगल के लिए बीस झोटों को लाया गया था, जिनमें से तीन जोड़े काफी समय तक आपस में लड़ते रहे।इस बीचे कुछ झोटे बेकाबू हो गए और एक झोटा भीड़ में जा पहुंचा। इससे वहां भगदड़ मच गई और इस दौरान एक युवक भी घायल भी हो गया। इस दौरान कुछ को हल्की चोटें भी आईं।
मौके पर मूक दर्शक बना रहा प्रशासन
बताया जा रहा था कि मेले में झोटों की लड़ाई करवाने के बारे में पहले प्रशासन को शिकायत भी गई थी, लेकिन प्रशासन भी समय रहते हरकत में नहीं आया है। इसको लेकर प्रशासन भी मूक दर्शक बना रहा, मौके पर न तो पुलिस भेजी गई थी और न ही प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी मेले के दौरान मौजूद था। जबकि इस बार मेले में झोटों को लड़ाने की चर्चा चल रही थी, इसके बावजूद प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
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