नेरवा/चौपाल — नेरवा का सरकारी कालेज प्रवक्ताओं की कमी से जूझ रहा है। कालेज में अंग्रेजी, संस्कृत व वाणिज्य विषय के प्रवक्ताओं का एक-एक पद खाली पड़ा हुआ है, जिस वजह से इस कालेज में पढ़ाई कर रहे 700 छात्रों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। महाविद्यालय में इस समय वाणिज्य विषय के 120 के करीब छात्र हैं व इस विषय के दस अलग-अलग विषय हैं। इन 120 छात्रों को इन दस विषयों को पढ़ाने के लिए एक मात्र प्रवक्ता है। इस विषय के महाविद्यालय में दो पद हैं, कुछ समय पहले इन दोनों पदों पर प्रवक्ता तैनात थे, परंतु चौपाल में भी एक नया महाविद्यालय खुलने पर नेरवा महाविद्यालय में तैनात एक प्रवक्ता को प्रतिनियुक्ति पर चौपाल भेज दिया गया। उसके बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ है। इसी प्रकार नेरवा में अंग्रेजी विषय के दो प्रवक्ता नियुक्त थे। इनमें से भी एक की प्रतिनियुक्ति चौपाल कालेज के लिए कर दी गई है। इस विषय के महाविद्यालय में 550 छात्र हैं। यानी कि इन 550 छात्रों की पढ़ाई का जिम्मा एक प्रवक्ता के सर पर आ पड़ा है। यही हाल संस्कृत विषय का है। कालेज में इस समय संस्कृत विषय में 50 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस विषय का महाविद्यालय में एक पद है। हाल ही में संस्कृत के प्रवक्ता का भी स्थानांतरण आरकेएमवी शिमला के लिए कर दिया गया है। इसके आलावा नॉन टीचिंग स्टाफ की बात की जाए तो जेएलए के दो, लिपिक के तीन पद खाली पड़े हुए हैं, जबकि 700 छात्रों वाले इस कालेज में मात्र दो चपरासी व एक चौकीदार है। कालेज में पढ़ने वाले छात्रों व उनके अभिभावकों को इसलिए भी चिंता सताए जा रही है कि दो सप्ताह के अंदर आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में अब पांच-छह माह तक यहां खाली हुए पदों को भरा जाना मुश्किल है। यदि इतने समय तक यह पद खाली रहे तो छात्रों का यह साल तो बर्बाद ही हो जाएगा। जिला परिषद नेरवा की सदस्य वीना पोटन, नेरवा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष नाग चंद तुलियान, महासचिव चांद चौहान, यूथ कांग्रेस चौपाल ब्लॉक के अध्यक्ष दिनेश राणा, शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रभारी दिनेश चौहान आदि ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि नेरवा कालेज में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरा जाए, ताकि इसमें पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई पर विपरीत असर न पड़े।
^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal
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