
गेयटीमें भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से मंगलवार को ‘द पाथ’ चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई। इस दौरान करीब 300 लोग प्रदर्शनी देखने आए और चित्र कलाओं की खूब प्रशंसा की। चित्रकार भादर सिंह ने कहा कि ‘द पाथ’ नामक चित्रकला मंदिरों की घंटियों से संबंधित है। इसमें घंटियों के महत्व के बारे में बताया गया है। मंदिर की घंटियों की आवाज सुनकर हम अपने परिवेश से ऊपर उठकर कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं। मंदिराें की घंटियों की आवाज हमें बताती है कि हमारा लक्ष्य कहां है। उन्होंने अपनी चित्र कलाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके माध्यम से गांव के लोगों के जीवन और गांव की सुंदरता के बारे में बताया गया है। चित्रकार का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके विदेशों में भी भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का फैलाव होता हैं। युवाओं को भी चित्रकला के महत्व का पता चलता है। इसके अलावा कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए प्लेटफार्म मिलता है। प्रदर्शनी का उद्घाटन भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व निदेशक अरुण शर्मा ने किया। शिमला में गेयटी...
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source: Dainik Bhaskar
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