
सतलुजजल विद्युत निगम को केंद्र सरकार ने एनटीपीसी (केंद्र सरकार के नव र| ) में मर्ज करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें हिमाचल सरकार के स्टेक होल्डर होने के कारण केंद्र ने हिमाचल सरकार से सहमति मांगी थी। राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर खुला विरोध करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने हिमाचल में बने इस निगम को राष्ट्रीय स्तर के निगम में शामिल होने से हिमाचल की हिस्से नामात्र की रहेगी। इससे हिमाचल को ही निदेशक मंडल में स्थान मिल सकेगा, ही हिमाचलियों को रोजगार देने की शर्त को राज्य सुनिश्चित करवा सकेगा। वहीं, राज्य को एसजेवीएनएल से हर साल 500 करोड़ के लगभग की राशि डिविडेंट के रूप में मिलती है। भविष्य में यह कितनी आैर कब मिलेगी। यह भी स्थिति क्लीयर नहीं होगी। इसलिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि केंद्र के इस प्रस्ताव का हिमाचल सरकार विरोध करेगी। हुआथा निगम का गठन : सतलुजजल विद्युत निगम का नाम पहले नाथपा झाखड़ी प्रोजेक्ट के नाम से एनजेपीसी का गठन किया था। इसके बाद सतलुज बेसिन के सभी प्रोजेक्टों का काम इसी निगम को देने का फैसला लिया। इससे...
पूरी खबर पढ़े >>
source: Dainik Bhaskar
No comments:
Post a Comment