
प्रदेशहाईकोर्ट में एचपीसीए लीज मामले पर सुनवाई 29 मई के लिए टल गई। हाइकोर्ट के समक्ष चल रहे मामले में एचपीसीए ने राज्य सरकार के उस फैसले को चुनौती दी है जिसके तहत रजिस्ट्रार सोसाइटी ने एचपीसीए के ऊपर प्रशासक की नियुक्ति कर दी थी। इसके अलावा सरकार ने एचपीसीए की संपत्तियों को जब्त कर लिया था। हाईकोर्ट की ओर से संपत्तियों को जब्त करने के सरकार के आदेशों पर रोक लगाने के बाद सरकार ने खुद ही लीज रद्द करने वाले अपने फैसले को वापस ले लिया था। हाईकोर्ट में केवल एक मुद्दे को लेकर यह याचिका लंबित रही। अब हाईकोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट होगा कि सोसाइटी रजिस्ट्रार के पास एचपीसीए के कार्यकलापों संपत्तियों पर निगरानी नियंत्रण रखने का क्षेत्राधिकार रहेगा या नहीं। इसी क्षेत्राधिकार को मानते हुए रजिस्ट्रार ने एचपीसीए पर प्रशासक की नियुक्ति कर दी थी। एचपीसीए के अनुसार बीसीसीआई ने 19 सितंबर 2011 को उन्हें सोसाइटी से कंपनी बनाने की इजाजत दे दी थी और उन्होंने वार्षिक आम बैठक कर 22 सितंबर 2012 को कंपनी बनाने का फैसला लिया। सोसाइटी कंपनी में संपत्तियों और अन्य...
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source: Dainik Bhaskar
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