
शिमला |हाईकोर्ट नेराज्य सरकार की ओर से सरकारी वन भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को राहत देने के लिए बनाए गए प्रारूप नियमों के प्रकाशन की इजाजत मांगने के लिए दायर आवेदन पर सुनवाई 25 अप्रैल के लिए टल गई। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने सरकार के आवेदन पर संबंधित पक्षकारों को दो सप्ताह के भीतर आपत्तियां दर्ज करने के आदेश जारी किए। सरकार ने आवेदन के साथ भू राजस्व अधिनियम के तहत बनाए गए उन प्रारूप नियमों की प्रति भी पेश की जिसके तहत उक्त अतिक्रमणकारियों को राहत देने के नियम बनाए गए हैं। सरकार ने छोटे, गरीब भूमिहीन किसानों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण को मालिकाना हक में तबदील करने के लिए इन प्रारूप नियमों के राजपत्र में प्रकाशन की इजाजत मांगी है। सरकार का कहना है कि इन प्रारूप नियमों का राजपत्र में प्रकाशन जरूरी है ताकि इन्हें अंतिम रूप देने से पहले संबंधित लोगों अथवा संस्थाओं से आपत्तियां आमंत्रित की जा सके। सरकार की ओर से पेश प्रारूप के अनुसार शहरों में 2 बिस्वा तक कब्जाई गई भूमि ग्रामीण इलाकों में अधिकतम 5 बीघा तक...
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source: Dainik Bhaskar
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