
पैसा खर्चने के लिए दिया 18 महीने का समय पूनमभारद्वाज| शिमला लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में गई है। विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते 235 करोड़ रुपए पर लैप्स का खतरा मंडरा गया है। यह पैसा नाबार्ड द्वारा प्रदेश में सड़क और पुलों के निर्माण कार्य के लिए मंजूर किया गया था। विभाग पैसों को खर्च करने में पूरी तरह से गंभीर नहीं दिखा और नाबार्ड ने पैसों को लैप्स किए जाने के संकेत विभाग को दे दिए है। विभाग द्वारा सड़क परियोजनाओं पर काम शुरू कर पाने के कारण 88 सड़कों के लिए मंजूर 235 करोड़ रुपए लैप्स हो सकते हैं। पैसों को लैप्स होने से बचाने के लिए नाबार्ड ने विभाग को 18 महीने का समय दे दिया है। इस समय अवधि के भीतर विभाग को प्रदेश की मंजूर 88 सड़कों के निर्माण उनके मरम्मत का कार्य तेजी से करना है। ऐसा करने पर विभाग के हाथों से करोड़ों का यह बजट निकल जाएगा। इधर देखा जाए तो विभाग पहले ही सड़कों के रख रखाव और मरम्मत कार्य के लिए बजट के अभाव का रोना रोता रहता है। जब नाबार्ड ने विभाग के लिए सड़कों के निर्माण कार्य के लिए पैसा मंजूर किया है तो विभाग उसमें...
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source: Dainik Bhaskar
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