
तिब्बत के14वें धार्मिक गुरु दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ गई है। चीन ने बीजिंग में भारतीय राजदूत को तलब कर कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई। चीन का कहना है की भारत ने ‘विवादित इलाकों’ में दलाई लामा का दौरा कराया, जो उसके हितों और द्विपक्षीय रिश्तों को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंचा रहा है। चीनी मिडिया ने धमकी दी है कि अगर भारत दलाई लामा का कूटनीतिक इस्तेमाल करेगा तो वह भी कश्मीर में दखल दे सकता है। दूसरी ओर भारत ने चीन के सभी आरोपों को खारिज करते हुए दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को राजनीतिक रंग देने से बचने की सलाह दी। भारत ने कहा कि वह ‘एक चीन’ नीति का सम्मान करता है और चीन से भी इसी तरह की उम्मीद रखता है। विवाद की जड़ अरूणाचल प्रदेश का तवांग इलाका है, जिसकी पश्चिमी सीमा भूटान से तो पूर्वी सीमा तिब्बत से सटी हुई है। 1914 के शिमला समझौते के तहत मैकमोहन रेखा को ब्रिटिश भारत और तिब्बत के बीच की नई सीमा के रूप में परिभाषित किया गया इससे तवांग सहित तिब्बत का बड़ा भू-भाग ब्रिटिश भारत के अधीन गया। हालांकि, चीन ने शिमला समझौते को स्वीकार नहीं...
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source: Dainik Bhaskar
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