
प्रदेशसरकारने यदि शीतकालीन सत्र में मेडी पर्सन एक्ट बिल पेश नहीं किया ताे डॉक्टर्स संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे। हिमाचल मेडिकल आॅफिसर्स एसोसिएशन की ओर से राज्य ओर जिला स्तर पर सरकार के प्रति रोष के स्वर बढ़ने लगे हैं। एसोसिएशन ने कहा है कि सरकार इस बिल को हर हाल में इसी सत्र में रखे। राज्य अध्यक्ष डॉ. जीवानंद चौहान ओर महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा है कि एक तरफ तो सरकार डॉक्टर्स से बाॅन्ड भरवाने की बात कर रही है और दूसरी ओर प्रदेश के नए खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों में बाहरी राज्यों के डॉक्टर्स को अनुबंध पर भर्ती कर यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ अन्याय कर रही है। संघ ने सरकार से पहले भी मांग की थी कि कॉलेजों में भर्ती के लिए रजिस्ट्रार शिप करने की बेमानी शर्त को हटाए जो कि एमसीआई की शर्तें के विरुद्ध है। हड़तालका किया समर्थन : एसोसिएशनने आईजीएमसी शिमला के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया है। वर्मा का कहना हे कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और उस सहायक प्रोफेसर को निलंबित या फिर दूसरे मैडिकल कॉलेज मे स्थानांतरित कर देना चाहिए।...
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source: Bhaskar
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