बालीचौकी में ‘ओ बांकी विमला चल शिमला’


बालीचौकी — जिला स्तरीय देव मेले बालीचौकी की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में सेस राम आजाद ने खूब धमाल मचाया। सेस राम आजाद ने कुल्लू व शिमला की नाटियां पेशकर दर्शकों को खूब नचाया। अंतिम सांस्कृतिक संध्या में दर्शकों ने सेस राम के गीतों पर नाचने का भरपूर आनंद उठाया। कार्यक्रम की शुरूआत गौरी म्यूजिकल ग्रुप बसुंघी के कलाकारों ने की। उसके उपरांत गोयल म्यूजिकल ग्रुप बंजार के कलाकारों ने ‘सीमा राणिए’, ‘ओ बांकी बिमला चल शिमला’, असीम म्यूजिकल ग्रुप पालमपुर के कलाकारों ने ‘तुमसे मिलने की तमन्ना है’, ‘कोई न कोई चाहिए प्यार करने वाला’ और इसी ग्रुप की वैशाली ने ‘दीवाना-दीवाना प्यार का परवाना’, ‘बत्तियां बुझाए रखदे’, ‘पंछी मेरी जान बोले’, ‘इस ग्राएं देया लंबरा ओ’, ‘सपनों में सजना’ और ‘मैं तेरे लिए जान भी दे दूं’ आदि फिल्मी व पहाड़ी गीत गाकर दर्शकों को खूब झूमाया। दयावंती कांढा ने भक्ति गीत पेश किए। भंुतर के दीवान सिंह ने भक्ति गीत ‘मैया, मेरा दिल खो गया है इन पहाड़ों में’ गाकर मां की महिमा का गुणगान किया। इसके उपरांत सांस्कृतिक संध्या के मुख्य कलाकार सेस राम आजाद ने ‘बेटी धन जुगा-जुगा रा ओ आमा’, ‘पत्ता पाने रे ओ मेरी गंगीये’, ‘कांड़ा चुटे कूंबरे रे रा’, ‘काली आई बादली’, ‘लागा पाणी रा छाला’, ‘मेरी निरमंडा री बामणिये’, ‘हाय मेरी छुणकिये’, ‘शोहरी पटाखा शोहरु लांदे हाका’ आदि लोक नाटियां गाकर दर्शकों को खूब नचाया। मीना टंडन कुल्लू ने ‘भला सिपहिया डोगरिया’, ‘मार्कंडेय ऋषिया’ आदि नाटियां पेश कीं।







source: DivyaHimachal

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