यहां शिवरात्रि के मौके पर मशाल लेकर जाते हैं एक दूसरे के घर

यहां शिवरात्रि के मौके पर मशाल लेकर जाते हैं एक दूसरे के घर क्चहर घर में नाचते हैं गांव के लोग, सदियों से चली आ रही है परंपरा शिव, हनुमान, श्रीकृष्ण और राम का होता है गुणगान शिव स्वरूप सैंई को नचाते हैं हर घरों में गौरीशंकर/कुल्लू क्चजिला कुल्लू के आनी उपमंडल में शिवरात्रि मनाने की अलग ही परंपरा है। यहां लोग शिवरात्रि से १५ दिन पहले से ही गांव में हर घर जाकर नाचते हैं। शिवरात्रि की संध्या को गांव के सभी घरों में टोली मशाल जलाकर जाती है और घरों में लगे भगवान शिव स्वरूप सैंई यानि एक विशेष प्रकार के फल को धागे में पिरोकर बनाई गई माला को लोग बारी बारी नचाते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव एक साल के बाद क्षेत्र वासियों का मेहमान आता है और क्षेत्र के लोग उनका स्वागत करते हुए खूब नचाते हैं और भगवान शिव के साथ साथ पवन पुत्र हनुमान, भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का भी गुणगान करते हैं। आनी उपमंडल में खासकर मुख्यालय के साथ साथ कुंगश, मंझादेश, जलोड़ी क्षेत्र के खंणी, कमांद, लझैरी, कोहिला, बु\\\'छैर, खदवीं, जाओं, तराला आदि क्षेत्रों में शिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से...



via Bhaskar http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-c-4-310896-NOR.html

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