Thursday, September 5, 2019

खेतीबाड़ी क्षेत्र में भी बेटियां आगे

पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों के आंकड़ों से खुलासा

पालमपुर – हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही नारी शक्ति कृषि के क्षेत्र में भी पीछे नहीं रह रही है। कभी चूल्हे चौके तक सीमित मानी जाने वाली महिलाएं, अब जहां तमाम क्षेत्रों में अपना दमखम दिखा रही हैं, वहीं एग्रीकल्चर फील्ड में तो युवतियां युवकों को मात देती नजर आ रही हैं। कृषि विश्वविद्यालय के तहत काम कर रहे चार कालेजों में प्रवेश लेने वाली छात्राओं का आंकड़ा छात्रों की संख्या को मात दे रहा है। एक समय था, जब कृषि व वैटरिनरी के क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व माना जाता था, लेकिन अब छात्राएं यहां भी युवकों से आगे निकल रही हैं। इस वर्ष नए 496 छात्रों सहित विश्वविद्यालय में 1644 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें देश भर के 14 राज्यों तथा छह देशों के विद्यार्थी भी शामिल हैं। कृषि विश्वविद्यालय में यूएसए, कनाडा, भूटान, अफगानिस्तान, नेपाल व श्रीलंका के छात्र भी शिक्षा ले रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों में छात्राओं की तादाद 57 प्रतिशत है, जबकि छात्रों की संख्या 43 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों से कृषि महाविद्यालय में छात्राओं की संख्या लगातार अधिक रह रही है। यही कारण है कि कृषि विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए छात्रावासों का नया निर्माण जारी है। जानकारों के अनुसार कृषि स्नातकों की देश के साथ विदेशों में भी डिमांड लगातार बनी हुई है।

यह भी है कारण

कृषि स्नातक अपनी शिक्षा पूरी कर निकल रहे हैं और पढ़ाई पूरी करते ही नौकरी उनका स्वागत कर रही है। कृषि क्षेत्र में हो रहा निवेश और इसके लिए किए जा रहे बजट के प्रावधान से मिल रही नई योजनाओं के चलते कृषि स्नातकों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले दस सालों के दौरान कृषि में हुए निवेश व राष्ट्रीय कृषि विकास योजना शुरू होना भी इसमें अह्म रोल अदा कर रहा है।

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Courtsey: Divya Himachal
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