शिमला – जिला में राजस्व अधिकारी निर्धारित लक्ष्य के तहत 100 दिन के भीतर विभिन्न राजस्व एवं विकास कार्यों की पूर्ति के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें। यह जानकारी आज उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने जिला के राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उपायुक्त ने अधिकारियों को इंतकाल, हदबंदी, मुस्साब्बी के डिजिटलीकरण व अन्य राजस्व कार्यों के साथ विभिन्न प्रकार के प्रमाण-पत्रों को जारी करने का कार्य 100 दिन के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला में सूखे से निपटने के लिए राजस्व अधिकारी संबद्ध विभागों के साथ बैठक कर वैकल्पिक कार्य योजना तैयार करें, ताकि लोगों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को राजस्व से संबंधित विभिन्न लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रत्येक माह इन कार्यों की अवश्य समीक्षा भी करें, ताकि कार्यपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने ई-समाधान के तहत लोगों की समस्याओं और शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि एसडीएम स्तर के अधिकारी प्रत्येक माह अपने उपमंडल की किसी दूरदराज अथवा पिछड़ी पंचायत में शिविर आयोजित कर विभिन्न राजस्व कार्यों को पूरा करेंगे, जिसमें सत्यापन प्रमाण पत्र जारी करना व इंतकाल व अन्य कार्यों के साथ-साथ लोगों की विभिन्न समस्याओं का निवारण भी मुख्यतः शामिल रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर पर राजस्व अधिकारी राजस्व कार्यालयों के नियमित जांच कार्य सुनिश्चित करें। साथ ही प्रत्येक राजस्व अधिकारियों एवं मातहत कर्मचारियों को कार्यालय में समय की पाबंदी का विशेष ध्यान रखने के आदेश दिए। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त देवाश्वेता बनिक, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) प्रभा राजीव, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकॉल) जीसी नेगी, उपमंडलाधिकारी शहरी अनिल शर्मा, ग्रामीण नीरजा चांदला एवं तहसीलदार व नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।
^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal
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