राजधानी में अभी भी एंबुलेंस रोड की सुविधा न होने से लोग परेशान, समस्या हल करने को लगाई गुहार
शिमला— स्मार्ट सिटी के नाम से पहचान बनाने वाली राजधानी में आज भी एंबुलेंस रोड की सुविधा से लोग महरूम हैं। शहर के कई क्षेत्रों में आज भी हालत ऐसी है कि यहां मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए लोगों को 1000 से 2000 रुपए खर्च कर कुली से मरीजों को उठवाना पड़ता है। ऐसा ही ताजा उदाहरण मंगलवार को शिमला के लक्कड़ बाजार के पास लगते शांकली क्षेत्र में नजर आया। यहां सुबह के वक्त दो मरीजों को अस्पताल ले जाना था। दोनों की ही हालत इतनी गंभीर थी कि वे पैदल चलने में बिलकुल असमर्थ थे। इसलिए मजबूरन परिजनों को तीन व चार कुली करने पड़े व मेन रोड तक स्ट्रेचर पर उठाकर पहुंचाया। क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय निवासी निपुण राठौर ने बताया कि शांकली कलोनी 150 से 200 साल पुरानी है और इस कालोनी में 35 सीनियर सिटीजन रहते हैं। अगर उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ जाए तो उन्हें अस्पताल तक पहुंचाना परिजनों के लिए काफी मुश्किल हो जाती है। निपुण राठौर ने बताया कि इस क्षेत्र के पैदल रास्ते भी बुरी तरह से खराब हो चुके हैं। रास्ते में गड्ढे ही गड्ढे हैं, जिस पर बुजुर्ग, महिलाएं व स्कूली बच्चों का चलना भी दूभर है।
कब मिलेगी एंबुलेंस रोड की सुविधा
आखिर राजधानी के साथ लगते क्षेत्रों में भी एंबलेंस रोड नहीं, जो कि प्रशासन व नगर निगम के लिए बड़ी शर्म की बात है। शांकली कालोनी नगर निगम के अंतर्गत आती है। बावजूद इसके अभी तक नगर निगम यहां एंबुलेंस रोड बनवाना तो दूर बल्कि रास्ते तक ठीक नहीं करवा पाई है। ऐसे में नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं। नगर निगम शिमला स्मार्ट सिटी को लेकर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट ला रहे हैं, लेकिन एंबुलेंस रोड बनाने के लिए अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है।
^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal
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