Monday, May 1, 2017

मनुष्य का एक ही लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति

शिमला | श्रीराम मंदिर शिमला में रविवार को दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया इस मौके पर संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी राजनंदिनी भारती ने भगवान तथा भक्त के मध्य दिव्य प्रेम के विषय में कहा कि जब भक्त ईश्वर की भक्ति में डूब कर अलौकिक प्रेम की पराकाष्ठा को पार कर जाता है, तो ईश्वर भी अपने भक्त को अनंत प्रेम भाव से अपना बनाने पर बाध्य हो जाते हैं। प्रेम की सर्वोच्च अवस्था में भक्त के लिए प्रत्येक भौतिक वस्तु यहां तक की उसका शरीर भी गौण हो जाता है तथा उसके जीवन का एकमात्र लक्ष्य रह जाता है, ईश्वर प्राप्ति। भाव जनित प्रेम के प्रतिकार में ईश्वर भी सर्वोच्च प्राथमिकता भक्त को देते है। भक्त और भगवान एक दूसरे पर न्यौछावर हो जाते है। इस मौके पर कीर्तन का आनंद श्रद्धालुओं ने लिया।

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source: Dainik Bhaskar

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