
ऊना |स्वास्थ्य विभागमें गठित की गई रोगी कल्याण समिति कर्मचारियों के लिए आफत बन चुकी है। वहीं सरकार की रोगी कल्याण समिति को लेकर अपनाई जा रही दोहरी नीति के कारण इस वर्ग का कर्मचारी सिर्फ खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। बल्कि कई सालों से पिस भी रहे हैं। हालत यह है कि स्वास्थ्य विभाग में कमीशन पास करने के बाद भी कर्मचारियों को सरकारी अनुबंध की बजाय रोगी कल्याण समिति के तहत नियुक्तियां दी जा रही है। राजधानी शिमला स्थित आईजीएमसी को छोड़ कर अन्यत्र कहीं भी आरकेएस के तहत रखे गए कर्मचारियों को नियमितिकरण नहीं दिया गया है। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष भूपिंद्र सिंह का कहना है कि कमीशन पास करने के बाद स्वास्थ्य विभाग में तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को आरकेएस की बजाय स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अनुबंध पर तैनात किया जाए।
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source: Dainik Bhaskar
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