
वनविभाग और जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को कुल्लू के देव सदन में औषधीय पौधे छरमा यानि सीबकथोर्न पर एक दिवसीय कार्यशाला लगी कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य सचिव वन विभाग तरुण कपूर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर कपूर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में छरमा की बढ़ती मांग को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के चार जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर, शिमला और कुल्लू के उपरी क्षेत्रों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर पौधरोपण को प्राथमिकता दी जाएगी। विशेषकर लाहौल-स्पीति जिले के किसानों को इसके लिए प्रेरित प्रोत्साहित किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वन विभाग के माध्यम से लाहौल घाटी में व्यापक स्तर पर पौधारोपण करने का निर्णय लिया है। इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इससे स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर पर मिलेंगे। इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव, अन्य अतिथियों तथा कार्यशाला के प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस दौरान प्रधान मुख्य अरण्यपाल एसएस नेगी ने बताया...
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source: Dainik Bhaskar
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