नया टैक्स नामंजूर

शिमला में प्रस्तावित यूनिट एरिया मैथ्ड को निर्धारित करने के लिए आयोजित जन सुनवाई में शहर की जनता के सब्र का बांध टूटते हुए दिखाई दिया। शहरवासियों में टैक्स प्रणाली को लेकर आक्रोश देखा गया। लोगों का आरोप है कि शहर में जनता को मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। घरों से बाहर निकलते ही दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।

Tax

लोगों का कहना है कि जीवन में जमा पूंजी और बैंकों से कर्ज उठाकर आशियाना तो बना दिया है। जन सुनवाई में मौजूद हर व्यक्ति ने उक्त टैक्स का विरोध किया और टैक्स की पुरानी पद्धति को ही जारी रखने की एक स्वर में मांग उठाई। जन सुनवाई में शहर के कोमली बैंक की एक महिला ने महापौर से प्रश्न पूछते हुए कहा कि जीवन भर की कमाई और बैंक से लोन उठाकर मकान बनाया है। पति भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों में अब कहां से यह भारी भरकम टैक्स की दरें अदा करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र में सड़कों के खस्ताहाल हैं। स्ट्रीट लाइटों, पार्क और टैक्सी सेवा से क्षेत्र महरूम है। उन्होंने मांग उठाई कि रेजिडेंशियल भवन की नई टैक्स प्रणाली के दायरे से बाहर होने चाहिए।

Source: http://www.divyahimachal.com/

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