ब्यास की बाढ़ ने ठप कर दी लारजी


कुल्लू — ब्यास नदी में बाढ़ के चलते शनिवार रात 126 मेगावाट की लारजी परियोजना में करीब तीन घंटे उत्पादन ठप रहा। ब्यास में सिल्ट की मात्रा अचानक बढ़कर 2200 पीपीएम तक पहुंच जाने से बने हालात में टरबाइनों तथा अन्य मशीनरी को खराब होने से बचाने के लिए प्रोजेक्ट प्रबंधन को उत्पादन बंद करना पड़ा। बताया जाता है कि ब्यास की सहायक नदी सैंज में बाढ़ का मलबा बहकर ब्यास में समा गया, जिससे प्रोजेक्ट की टरबाइनें खड़ी हो गई। डैम के गेट खोलकर सिल्ट को बाहर निकालते हुए परियोजना में पुनः उत्पादन बहाल कराया गया है। हालांकि रविवार को भी ब्यास में सिल्ट की मात्रा 1500 से 1600 पीपीएम दर्ज की गई है। लारजी प्रोजेक्ट को नियंत्रित कर रहे बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता पीएल मासूम ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सिल्ट की मात्रा चिंताजनक स्थिति तक बढ़ जाने से शनिवार रात कुछ समय के लिए प्रोजेक्ट में उत्पादन बंद करना पड़ा है। बरसात में सिल्ट की मात्रा बढ़ने से ब्यास नदी की धारा पर बने प्रोजेक्टों में भी उत्पादन लड़खड़ाने लगा है। 126 मेगावाट के लारजी प्रोजेक्ट में लगी तीनों टरबाइनें अधिकतम 1800 पीपीएम सिल्ट को सहने की क्षमता रखती हैं, जबकि शनिवार रात ब्यास में सिल्ट की मात्रा 2200 पीपीएम तक जा पहुंची। इस नाजुक हालात में प्रोजेक्ट में करीब तीन घंटे तक उत्पादन पर ब्रेक लगी रही। पीक सीजन में टरबाइनें खड़ी हो जाने से बिजली बोर्ड को बैठे बिठाए लाखों रुपए की चपत लग गई। बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता पीएल मासूम ने बताया कि हालांकि सिल्ट की मात्रा के कुछ घटने पर प्रोजेक्ट में दोबारा उत्पादन बहाल कर दिया गया है, जबकि नदी के जल स्तर के साथ ही सिल्ट की स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। लारजी डैम बारिश के पानी से लबालब भर गया है, ऐसे में गेट खोलकर पानी आगे छोड़ना पड़ रहा है।







source: DivyaHimachal

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