नाहन — सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा भले ही प्रदेश की जनता को साफ एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाए जाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन विभाग की अधिकतर पेयजल योजनाएं बिना फिल्ट्रेशन के ही चलाई जा रही हैं। जिला सिरमौर के पांवटा मंडल के शिलाई उपमंडल में विभाग की 70 प्रतिशत से अधिक पेयजल योजनाओं में फिटरेशन सिस्टम का कोई प्रावधान नहीं है। जिन पेयजल योजनाओं में फिटरेशन सिस्टम लगाए गए हैं वे भी अधिकतर खराब पड़े हैं। शिलाई उपमंडल की करीब 30 पंचायतों में अधिकतर पेयजल योजनाएं ग्रेवटी की हैं, लेकिन एक-दो योजनाओं को छोड़कर अन्य सभी ग्रेवटी की स्कीमें बिना फिल्ट्रेशन के ही चल रही हैं। नतीजतन लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है। बताते हैं कि विभाग की पेयजल योजनाओं में फिल्ट्रेशन सिस्टम न होने के कारण लोग दूषित पानी पीने को विवश हो रहे हैं, जिसके कारण अकसर लोग जलजनित बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। हाल ही में शिलाई क्षेत्र के करीब छह गांवों के लोग डायरिया व फीवर की चपेट में आए थे, जिसका मुख्य कारण दूषित पेयजल बताया जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि बुखार, डायरिया व उल्टी होने का मुख्य कारण दूषित जल का सेवन करना है। चिकित्सक बताते हैं कि अधिकतर बीमारियां दूषित जल के इस्तेमाल से होती हैं। खासतौर से डायरिया, दस्त, उल्टी, पेट दर्द, आंत्रशोथ व बुखार आदि जलजनित बीमारियां हैं। जानकारी के मुताबिक सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की शिलाई उपमंडल में दर्जनों पेयजल योजनाएं हैं। इनमें से अधिकतर पेयजल योजनाएं ग्रेवटी की हैं। विभाग का तर्क है कि ग्रेवटी की पेयजल योजनाओं में फिटरेशन की आवश्यकता नहीं होती है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि ग्रेवटी की पेयजल योजनाओं में स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल आता है। उधर, इस संबंध में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिशाषी अभियंता महेश शर्मा ने बताया कि विभाग की जो ग्रेवटी की पेयजल योजनाएं हैं उनमें स्प्रिंग वाले प्राकृतिक जल स्रोतों में फिल्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि नालों एवं नदियों की प्रवाह पेयजल योजनाओं में विभाग द्वारा फिल्टर लगाए गए हैं। विभाग के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि शिलाई की मुख्य उठाऊ पेयजल योजना में जो फिल्टर खराब पड़े थे उन्हें विभाग द्वारा बदल दिया गया है। जो फिल्टर अभी बदले नहीं हैं उन्हें शीघ्र ही बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग ने करीब तीन लाख रुपए के नए फिटरेशन सिस्टम लगाने की योजना बनाई है, जिसे शीघ्र ही अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग की जितनी भी स्कीमें हैं उन सभी योजनाओं में विभागीय कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से क्लोरीनेशन किया जाता है, ताकि कोई जलजनित बीमारी न फैले।
source: DivyaHimachal
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