पंचरुखी — इसमें कोई दो राय नहीं कि क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा हुआ है, लेकिन विभाग इन सड़कों का विशेषकर ग्रामीण सड़कों के रखरखाव, मरम्मत के प्रति लापरवाह व उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है। क्षेत्र में दर्जनों ऐसी ग्रामीण सड़कें हैं जो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं। उपमंडल पंचरुखी के तहत तितवड़-लुगट की खस्ता हालत से स्थानीय बाशिंदे बेहद परेशान हैं। बताते चलें कि 1992-93 में गांव पड़मन के लोगों, गांव पंचायत मझेड़ा व तत्कालीन समिति उपाध्यक्ष उत्तम सिंह के सहयोग से तैयार की गई व 1995 में इसे लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया व इसे लुगट तक पहुंचाया गया। उक्त मार्ग की सोलिंग एवं टायरिंग के लिए साढ़े 22 लाख रुपए मुहैया करवाए गए, लेकिन चार वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी इसे पक्का नहीं किया गया। अब आलम यह है कि सोलिंग उखड़ गई है व इसमें वाहन तो क्या पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है। राजीव पंचायती राज संगठन के प्रदेश सचिव उत्तम का कहना है कि इसमें नाममात्र सोलिंग की गई थी जो उखड़ गई है। उन्होंने विभाग से इस मार्ग पर खर्च हुए लाखों रुपए का ब्यौरा मांगते हुए कहा कि इससे राशि प्रयोग में घपले की संभावना है। उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री से उक्त मार्ग पर खर्च पैसे की जांच करवाने व इसे शीघ्र पक्का करवाने की मांग की है। उधर, लबोल-बेहड़ संपर्क मार्ग टेंडर हुए तीन से अधिक वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, लेकिन आज तक इस मार्ग को पक्का नहीं करवाया जा रहा है।उधर, अंद्रेटा, वाहडु व नाडली सड़क का तो क्या कहना। पिछले 20 वर्षों से विभाग ने इस मार्ग का रुख तक नहीं किया, जिससे उक्त मार्ग का अस्तित्व भी मिटने की कगार पर है। सड़क नाले में परिवर्तित हो चुकी है। लोग जंगली क्षेत्र की इस सड़क से पैदल अंद्रेटा पहुंचते हैं व जंगली जानवरों के बीच से जान हथेली में रखकर आने-जाने को मजबूर हैं। अब युवा विधायक यादविंद्र गोमा से सड़क की दुर्दशा सुधारने की आस जनता में बंधी है। हालांकि यादविंद्र गोमा ने उक्त मार्ग को दुरुस्त करवाने की बात कही है। इस विषय में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजीव शर्मा का कहना है कि उक्त मार्गों की दशा शीघ्र सुधारी जाएगी।
source: DivyaHimachal
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