नालागढ़ — औद्योगिकीकरण के बाद नालागढ़ क्षेत्र में हुए विकास और लोगों की भरमार के चलते उनकी सैरगाह के लिए वन विभाग द्वारा बनाया गया वन विहार आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। हालांकि बीते वर्ष पूर्व वन मंत्री ने स्वयं नालागढ़ का दौरा किया और इसी दौरान उन्होंने वन विहार की भी सैर की। प्रोजेक्ट को देख वन मंत्री खीमी राम स्वयं काफी खुश हुए थे, लेकिन इसकी दुर्दशा को लेकर वह काफी आहत भी हुए और उन्होंने इस वन विहार के जीर्णोद्धार व रखरखाव के लिए तुरंत ही दो लाख रुपए की धनराशि देने का ऐलान किया था। गौरतलब है कि वन विभाग ने यहां अपने कैंपस में ही वन विहार बनाकर लोगों के लिए सैरगाह का निर्माण किया था, लेकिन आज यह अनदेखी और इसके प्रति ध्यान न देने के चलते अपनी बदहाली की व्यथा स्वयं बयां करता है। वन विहार का निर्माण वर्ष 2008-09 में वन विभाग ने पांच से सात हेक्टेयर भूमि पर करवाया था। इसके पहले चरण में जंगल के बीच करीब तीन किलोमीटर घुमावदार ऊंचा, नीचा व समतल मार्ग घूमने के लिए बनाया था। इसमें जहां पार्क का निर्माण करवाया था, वहीं कृत्रिम तालाब का भी निर्माण करवाया है। इस पार्क में लोग सुबह व शाम सैर करने के बाद यहां व्यायाम करते थे और दिन भर की थकान मिटाते थे, वहीं दिन में तरोताजा होते थे। प्राकृतिक वातावरण में घूमने से लोगों को आनंद का एहसास होता था। यही नहीं वन विभाग ने यहां नवग्रह वाटिका का भी निर्माण करवाया था, जिसमें लोग यहां पूजा करने के लिए आते थे। इस नवग्रह वाटिका में विभाग ने नौ ग्रहों के पौधे लगाए थे और लोगों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं मिल जाती थीं, जिसमें वे सैर भी करते थे और नवग्रहों को शांत करने के लिए पूजा भी करते थे। इसके अलावा विभाग ने त्रिफला वन, तुलसी व अन्य कई प्रकार के औषधीय पौधे भी लगाए थे, लेकिन अनदेखी के चलते इसका आलम यह है कि नवग्रह वाटिका के नौ ग्रहों में से कई ग्रहों के पौधे ही गायब हैं, वहीं जगह-जगह कूड़े के ढेर आज लोगों का मुंह चिढ़ा रहे हैं। इसकी दयनीय हालत को सुधारने के लिए वन विभाग ने धनराशि की मांग की थी।
source: DivyaHimachal
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