कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर दूसरे चरण में बन रहे फोरलेन के लिए फोरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को काम करने की हरी झंडी दी गई है। इसके बाद कंपनी को भी तेजी से कार्य करने के निर्देश एनएचएआई की ओर से जारी कर दिए गए हैं। कंडाघाट के समीप 0.9036 हेक्टेयर वन भूमि के प्रवर्तन के लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लीयरेंस प्राप्त हुई है। रिपोर्ट आने के बाद कंडाघाट के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरंग को पूरे किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। टनल का 460 मीटर कार्य पूरा हो गया है। अब 207 मीटर कार्य कंपनी की ओर किया जाना है। इसी के साथ 1.8 हेक्टेयर भूमि पर वन विभाग की ओर से करीब 2000 पौधे लगाए जाएंगे।
गौर रहे कि हाईवे पर कंडाघाट में बन रही 667 मीटर लंबी सुरंग का दूसरे चरण में निर्माण हो रहा है, लेकिन छह माह पहले सुरंग के दूसरे हिस्से में पानी का टैंक आड़े आ गया था। साथ ही फोरेस्ट क्लीयरेंस रिपोर्ट न होने के कारण भी कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसके चलते कंपनी ने कार्य रोक दिया था। कंपनी ने यहां से नई डीपीआर तैयार करने के लिए एनएचएआई को लिखा और अतिरिक्त बजट की भी मांग की थी। इसी के साथ फोरेस्ट क्लीयरेंस रिपोर्ट के लिए लिखा था।
काम के लिए फोरेस्ट क्लीयरेंस दे दी गई है। टनल के आसपास के क्षेत्रों में 1.8 हेक्टेयर भूमि पर वन विभाग की ओर से लगभग 2,000 पौधे अगले मानसून के दौरान लगाए जाएंगे।-कुणाल अंग्रिश, डीएफओ, वन मंडल सोलन
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