Wednesday, October 24, 2018

समय की शर्त में बंधेंगे सार्वजनिक उपक्रम

एसजेवीएन, एनटीपीसी व एनएचपीसी को अब तय समय में पूरे करने होंगे प्रोजेक्ट

शिमला – प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन का काम कर रहे सार्वजनिक उपक्रमों को भी शर्तों के घेरे में ला दिया है। अभी तक इनपर प्रोजेक्ट की निर्माण अवधि को लेकर कोई शर्त नहीं थी, परंतु अब वर्तमान सरकार ने निश्चित अवधि में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए इन पर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि राज्य का ऊर्जा विभाग इस संबंध में एक विस्तृत गाइडलाइन इन सार्वजनिक उपक्रमों को देगा। हालांकि इसमें कुछ हद तक छूट होगी, लेकिन जिस तरह से यहां पर निजी कंपनियों को टाइम बाउंड यानी समय पर काम करने की शर्तें रखी गई हैं, वे इन सार्वजनिक उपक्रमों पर भी लागू होंगी। कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। अब ऊर्जा विभाग गाइडलाइन में साफ करेगा कि कितने समय में इन्हें कौन सी क्लीयरेंस लेनी है और कितने समय में प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में तीन सार्वजनिक उपक्रम काम कर रहे हैं, जिनमें केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार की भी हिस्सेदारी रहती है। यहां पर सतलुज जल विद्युत निगम इस क्षेत्र का बड़ा नाम है, जिसके पास सबसे अधिक प्रोजेक्ट हैं। एसजेवीएनएल की उत्पत्ति भी हिमाचल प्रदेश से ही हुई है। लिहाजा इसमें सरकार की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है। उधर, सतलुज निगम के प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं। नाथपा झाकड़ी को छोड़ दिया जाए तो रामपुर परियोजना में भी यही समस्या आई। वहीं, लूहरी और धौलासिद्ध परियोजनाओं में सालों बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है। इस पर सरकार ने उसे अब जांगी-थोपन-पोवारी परियोजना भी दे दी है। यहां पर एनटीपीसी व एनएचपीसी के भी प्रोजेक्ट हैं, जिनके दूसरे चरणों पर काम हो रहा है। इनके पास कोल डैम व पार्वती परियोजनाएं हैं, जिनका काम भी निश्चित अवधि में पूरा नहीं किया जा सका है। अब सरकार इन तीनों कंपनियों को समय पर प्रोजेक्टों को पूरा करने की शर्त लगा रही है, जिसका प्रारूप जल्दी ही सामने होगा।

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Courtsey: Divya Himachal
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