
घरपर दादी अचानक बीमार पड़ गई। कोई नहीं जानता था कि आखिर उन्हें हुआ क्या है। जब अस्पताल गए तो पता लगा दादी को हार्ट अटैक पड़ा था। मैंने उसी दिन जिद कर ली कि अब डॉक्टर ही बनना है। आर्थिक तंगी ने घर के हालत ऐसे बना दिए कि आगे पढ़ना मुश्किल हो गया। बस मैंने जिद कर ली की नीट की परीक्षा क्वालिफाई करनी ही है। यह कहना है नीट को क्वालिफाई करने वाले किसान के बेटे कुलदीप शर्मा का। सोलन जिला के रहने वाले कुलदीप नीट क्वालिफाई कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हैं। पिता मनोहर लाल किसान है और माता कमलेश गृहिणी हैं। कुलदीप शर्मा कहना है कि मैंने निर्णय कर लिया था कि डॉक्टर बनना ही है। ऐसे में दोनो बहनों ने शिमला स्थित एक कोचिंग सेंटर में बात की। उसकी लगन देखते हुए कोचिंग सेंटर ने भी फीस माफ कर दी। कुलदीप ने बेहतर रैंकिंग के साथ नीट क्वालिफाई की है। कुलदीप शर्मा का कहना है मुकाम हासिल करने के लिए सिर्फ हौसला चाहिए होता है, आर्थिक तंगी को कभी अपनी मंजिल की बाधा नहीं बनने देना चाहिए। मैंने पहले ही अपने मन में ठान लिया है कि कॉर्डिलॉजी का डॉक्टर बनना है। रैंकिग अच्छी है, ऐसे...
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
^पूरी खबर पढ़े: source - Dainik Bhaskar
No comments:
Post a Comment