Wednesday, April 5, 2017

पूर्व भाजपा सरकार में बनी गिरी पेयजल योजना में लाखों का गोलमाल, जांच शुरू

पूर्वभाजपा सरकार के समय बनी गिरी पेयजल योजना में मुख्य पाइप लाइन की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए का गोलमाल हुआ है। बड़े पैमाने पर बरती वित्तीय अनियमितताओं को लेकर विजिलेंस ने शिकायत के आधार पर प्रारंभिक छानबीन शुरू कर दी है। विजिलेंस ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए आईपीएच, एमसी से रिकॉर्ड कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिकॉर्ड खंगालने और स्क्रूटनी के बाद ही विजिलेंस आईपीएच विभाग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगा। शिमला के मेयर संजय चौहान ने योजना में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शिकायत की थी और जांच का आग्रह सरकार से किया था। घपले को लेकर मेयर के आरोपों के आधार पर ही स्टेट विजिलेंस ने मामले में प्रिमिलरी इन्क्वायरी शुरू की है। जांच को लेकर सबकी नजरें विजिलेंस पर टिकी है। मेयर संजय के मुताबिक गिरी पेयजल योजना वर्ष 2008 में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में बनी थी। योजना का औपचारिक उद्घाटन तक नहीं हुआ है। आठ साल के अंदर ही इसकी मुख्य लाइन का जगह-जगह से फट जाना निर्माण की गुणवत्ता पर अपने आप सवाल खड़ा करता है। अब बिछाई गई नई पाइप लाइन। पुरानी...

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source: Dainik Bhaskar

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