
आईजीएमसीके इमरजेंसी वार्ड में निजी मशीन लगाने मामले में अब स्वास्थ्य शिक्षा विभाग ने प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। विभाग के निदेशक डॉ. अनिल चाैहान ने आईजीएमसी प्रशासन से जवाब मांगा है कि निजी मशीन को किसने लगाया था। इस मामले की एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की गई है। हालांकि, अभी तक आईजीएमसी ने किसी तरह की रिपोर्ट नहीं भेजी है, लेकिन वीरवार को निदेशक की ओर से रिपोर्ट को हर हाल में मांगा जाएगा। उनका कहना है कि वह वीरवार को शिमला पहुंचेंगे और इस मामले की पूरी जानकारी लेंगे। गौर रहे कि इमरजेंसी में निजी मशीन के जरिए टेस्ट हो रहे थे और मरीजों तीमारदारों से मनमाने पैसे वसूले जा रहे थे। इस मशीन हार्ट के मरीजों के लगभग सभी टेस्ट हो रहे थे। 400 रुपए का टेस्ट 2200 रुपए में किया जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि आईजीएमसी के इमरजेंसी में यह मशीन कई दिनों से लगी थी और रोजाना इसी मशीन से टेस्ट हो रहे थे। जैसे ही प्रशासन को इसकी भनक लगी, आनन फानन में इस मशीन को सीज कर दिया गया। इसका आरोपी कौन है इस बारे में प्रशासन सिर्फ छानबीन तक ही सीमित है। यहां सवाल यह है कि आखिर मशीन को किसके...
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source: Dainik Bhaskar
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