नगरोटा बगवां — भारत के प्राचीन खेल कबड्डी, पिट्ठू, छिपन-छिपाई आदि अब दक्षिण कोरिया के स्कूलों में भी खेल का हिस्सा बनेंगे। यह अनूठी पहल रेनबो इंटरनेशनल स्कूल नगरोटा बगवां ने ब्रिटिश काउंसिल के माध्यम से यहां के स्कूली बच्चों को विश्व संस्कृति तथा दूसरे देशों के शिक्षा गत ढांचे से जोड़ने के लिए की है। हाल ही में विश्व के अन्य देशों में अध्ययनरत स्कूली बच्चों से संपर्क स्थापित करने हेतु शुरू किए गए एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को दक्षिण कोरिया के ग्लोबल पीस विलेज संस्थान ने सीधा संपर्क स्थापित कर रेनबो स्कूल को विशेष उपहार भेजे जो उस देश की कला, संस्कृति, वेशभूषा, रहन सहन का जीवंत नमूना है। उन्होंने जहां अपनी ओर से चित्रकला के बेहतरीन नमूने प्रस्तुत किए, वहीं संस्कृति से जुड़ी कई और जानकारियां भी भेजीं। उन्होंने रेनबो स्कूल द्वारा भेजी गई कबड्डी, छिपन छिपाई और पिट्ठू आदि खेलों को न केवल पसंद किया, बल्कि इन खेलों को अपनी दिनचर्या में भी शामिल करने के सबूत भेजे हैं। इस कार्यक्रम के तहत दोनों देशों के खानपान, भौगोलिक स्थिति तथा शिक्षा पद्धति भी समीप पहुंची है। रेनबो ग्रुप ऑफ स्कूल के निदेशक डा. जेआर कश्यप ने विद्यालय के इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और विद्यालय के प्रधानाचार्य डा. छवि कश्यप, को-आर्डिनेटर मीनाक्षी कयश्प तथा कार्यक्रम प्रभारी सुनीता भाटिया को बधाई दी।
from Divya Himachal
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