लंगर फीस माफ करने के समर्थन व विरोध में उठे स्वर

नीरज पराशर, चिंतपूर्णी


उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चिंतपूर्णी में सावन अष्टमी मेले में इस बार लंगर लगाने की एवज में कोई शुाल्क या फीस न लेने के जिला प्रशासन के निर्णय का जहां कई धार्मिक संस्थाओं ने जोरदार स्वागत किया है। वहीं, इस निर्णय के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध के स्वर भी उठे हैं और प्रशासन को इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।


धार्मिक संस्थाओं से लंगर लगाने की अनुमति के लिए मेला प्रशासन द्वारा एक निश्चित राशि ली जारी रही है। कुछ वर्ष पूर्व यह अप्रत्



source: Jagran

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