मनजीत नेगी, शिमला
प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान आइजीएमसी की तरक्की और उन्नति के लिए राज्य सरकार रात-दिन प्रयासरत है, बावजूद इसके इसकी हालत बद से बदतर होती जा रही है। अस्पताल की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले आपातकालीन वार्ड में आए दिन किसी न किसी लापरवाही से मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं। नतीजतन मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है और आइजीएमसी डॉक्टरों की राजनीति का केंद्र बन रहा है। सरकार चाहकर भी लापरवाही के मामलों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है। आलम यह कि जिन कंधों पर प्रशासन औ
source: Jagran
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