चंबा — पर्यावरण संतुलन को बरकरार रखने वाले दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों के वजूद पर संकट खडा हो गया है। जिला चंबा के विभिन्न हिस्सों में मृत अवस्था में गिद्वों के मिलने का सिलसिला बरकरार है। हाल ही में चंबा-भरमौर मार्ग पर राख के पास आधा दर्जन गिद्ध मृत अवस्था में मिले हैं। अंदेशा है कि भरमौर क्षेत्र में विद्युत प्रोजेक्टों की हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों की जद में आने के चलते इनकी मौत हुई है। चंूकि पूर्व में जानवरों को दी जाने वाली डिक्लोफीन एक्स दवाई पर सरकार ने रोक लगा दी है, जिसके चलते इनकी मौत की वजह हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाईनों को माना जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने गिद्वों की मौत होने के बाबत ‘दिव्य हिमाचल’ को जानकारी मुहैया करवाई है। उल्लेखनीय है कि राज्य में गिद्धों को लेकर एक वर्ष पहले वन्य प्राणी विभाग के माध्यम से एक सर्वेक्षण भी करवाया गया था। उस दौरान चंबा जिला में हिमालयन गिद्धों की मौजूदगी का सर्वेक्षण के दौरान खुलासा हुआ था। उधर, राज्य में गिद्धों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को चंबा जिला में अब झटका लगा है। बताया जा रहा है कि जिला चंबा के विभिन्न हिस्सों में पूर्व में गिद्धों के मृत अवस्था में पाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं हाल ही में चंबा-भरमौर मार्ग पर राख के समीप आधा दर्जन के करीब गिद्ध मृत अवस्था में पाए गए हैं, जिसकी वन विभाग को भी अभी तक कानोंकान खबर नहीं है। उधर, चंबा वन मंडल के अधिकारी एम कृपाशंकर का कहना है कि गिद्धों की मौत के बारे में मीडिया से ही जानकारी मिली है। उनका कहना है कि ऐसा है तो मृत गिद्धों का पोस्टमार्टम करवाकर मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा।
source: DivyaHimachal
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