शिमला में 17 को गरजेंगी मिड-डे मील वर्कर

शिमला— लंबे समय से लंबित पड़ी मांगों के खिलाफ अब मिड-डे मील वर्करों का गुस्सा चरम सीमा पर पहुंच गया है। प्रदेश मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन ने 17 जनवरी को सामूहिक हड़ताल करने का फैसला लिया है। मिड-डे मील वर्करों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में भी नौ वर्षों से वर्करों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इतने समय से वर्करों को 1000  वेतन दिया जा रहा है। मिड-डे मील वर्करों ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द उनकी मांगों को अगर अब माना नहीं गया तो आने वाले समय में और भी उग्र आंदोलन सरकार के खिलाफ किया जाएगा।मिड-डे मील वर्करों का आरोप है कि सरकार ने वर्करों के लिए छुट्टियों का भी कोई प्रबंध नहीं किया है, साथ ही स्कूलों में यह भी शर्त लगाई है जिस स्कूल में 26 व 25 या इससे कम छात्रों की संख्या होगी तो उस स्कूल में एक वर्कर खाना बनाने के लिए होगी। वर्करों का कहना है कि प्रसूति अवस्था में भी महिला वर्कर को छुट्टियों का प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही छुट्टियों का पैसा भी काट लिया जाता है। मिड-डे मील वर्करों ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द उनकी मांगों को अगर अब माना नहीं गया तो आने वाले समय में और भी उग्र आंदोलन सरकार के खिलाफ किया जाएगा।


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