ठियोग – जिला शिमला का प्रमुख द्वार माने जाने वाले ठियोग का सिविल अस्पताल हमेशा से खाली पदों को लेकर सुर्खियों में रहा है। यहां पर डाक्टर की कमी के अलावा अन्य कर्मचारियों की भारी कमी हमेशा खलती रही है, जिसका नतीजा ये रहता है कि छोटी सी बीमारी को लेकर मरीजों को आईजीएमसी शिमला भागना पड़ता है। हालांकि ठियोग के लोगों के लिए एक सुखद समाचार यह भी है कि यहां पर बनने जा रहे 150 बेड के अस्पताल के लिए कार्य जोरों से चल रहा है, जिस पर 24 करोड़ की राशि खर्च की जानी है। हालांकि अभी इसमें ए ब्लॉक का ही निर्माण किया जा रहा है, जिसमें शिशु वार्ड बनने जा रहा है और 60 बेड अभी फिलहाल चिल्ड्रन वार्ड के ही होंगे। इस समय बात यदि डाक्टरों व कर्मचारियों की की जाए तो सिविल अस्पताल ठियोग में अभी 14 डाक्टरों में से नौ डाक्टर हैं, जबकि पांच पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा मिड वाइफ नर्स के तीन पद, चतुर्थ श्रेणी के चार पद, लैब तकनीशियन के दो पद, आपरेशन थियेटर सहायक का एक पद, सफाई कर्मचारियों के चार पद रिक्त चल रहे हैं। फार्मासिस्ट के पांच में से दो पद खाली हैं एक को डेपोटेशन पर रिपन अस्पताल भेजा गया है। इसके अलावा दो पद हैल्थ, सुपरवाइजर का एक पद, एंबुलेंस चालक के दो पद रिक्त चल रहे हैं। अस्पताल में अल्ट्रासांउड मशीन को चलाने के लिए विशेषज्ञ तक नहीं है। ठियोग सिविल अस्पताल में खाली पदों का मुद्दा हमेशा से गरमाया रहता है, लेकिन सरकार द्वारा भी समय रहते अस्पताल में खाली पदों की संख्या को पूरा नहीं किया जा रहा है। ठियोग में साल 2013 में नई ओपीडी भवन भी बना है। हालांकि इसके बनने से अस्पताल में व्यवस्था में काफी सुधार आया है और आपीडी की संख्या में पिछले दो साल से काफी बढ़ोतरी हुई है । यहां पर ठियोग के अलावा कोटखाई, कुमारसैन, चौपाल, रोहडू तक से मरीज आते हैं और अधिकतर जो सड़क दुर्घटनाओं के केस होते हैं वे पहले ठियोग अस्पताल में ही लाए जाते हैं, लेकिन खाली पदों को लेकर व सुविधाओं के अभाव के चलते लोग भी परेशान है। उधर, इस साल आरकेएस व अन्य माध्यमों से अस्पताल के पास 32 लाख 59 हजार 737 रुपए की राशि मौजूद है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए अस्पताल के जरूरी खर्चों के लिए 16 लाख 80 हजार व अस्पताल की मरम्मत, पानी की व्यवस्था के लिए अन्य खर्चों पर दस लाख से अधिक खर्च किया जाने की योजना है। इसके अलावा ठियोग में 13 पीएचसी हैं। अस्पताल प्रभारी डा. दिलीप टेक्टा ने बताया कि अस्पताल के सफाई सिस्टम को ठेके पर देने के लिए सरकार को लिखा गया है। वहीं प्रभारी डा. दिलीप टेक्टा ने बताया कि अस्पताल के नए शवगृह के निर्माण के लिए बीएसएनएल के पास सालों से 12 लाख जमा है, लेकिन इसका काम शुरू नहीं किया जा रहा।
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source: DivyaHimachal
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