मेडिकल बिलों ने घेरा पांवटा बीडीओ दफ्तर

नाहन — सेवानिवृत्त कर्मियों के मेडिकल बिलों के भुगतान को लेकर खंड विकास अधिकारी कार्यालय पांवटा साहिब की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। बीडीओ कार्यालय पांवटा साहिब में पिछले करीब दो वर्षों से मेडिकल बिलों के भुगतान की जो प्रक्रिया चल रही है, उससे विभाग स्वयं ही अन्य सेवानिवृत्त कर्मियों के निशाने पर आ गया है। हालत यह है कि बीडीओ कार्यालय पांवटा साहिब से सेवानिवृत्त हुए कुछ कर्मियों व अधिकारियों के मेडिकल बिल का भुगतान तो धड़ाधड़ हो रहा है, परंतु विभाग के पांवटा कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए अन्य कर्मियों का वर्षों से मेडिकल बिलों का कोई भुगतान नहीं हो रहा है। हालत यह है कि इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब जहां दवाइयां खरीदना मुश्किल हो रहा है, वहीं विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटते-काटते वयोवृद्ध कर्मचारी हिम्मत हारने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक बीडीओ कार्यालय पांवटा साहिब में पिछले करीब दो सालों से मेडिकल बिलों के भुगतान को लेकर चल रहा भाई भतीजावाद का सिलसिला अभी भी बदस्तूर जारी है। जानकारी के मुताबिक बीडीओ कार्यालय द्वारा कुछ कर्मचारियों के ही मेडिकल बिल धड़ाधड़ जारी किए जा रहे हैं। यह भी पता चला है कि ग्रामीण विकास निदेशालय शिमला से सीधा मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए सीधा बजट व्यक्तिगत कर्मी के नाम आ रहा है, जिससे विभाग के मुख्यालय की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ जाती है। बीडीओ कार्यालय पांवटा साहिब से सेवानिवृत्त कर्मियों का कहना है कि कुछ खास कर्मियों के बिलों के लिए सीधा बजट निदेशालय से प्राप्त हो रहा है जो बात हजम नहीं होती है। जानकारी के मुताबिक विभाग के पांवटा कार्यालय से सेवानिवृत्त दो-तीन अधिकारियों ने मेडिकल बिलों के भुगतान को लेकर विभाग के निदेशालय को लीगल नोटिस जारी किए हैं, जिसके चलते निदेशालय से सीधा संबंधित कर्मियों के मेडिकल बिलों का भुगतान किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक यह पहला अवसर है जब किसी विभाग में सीधा एक कर्मी के नाम व्यक्तिगत बजट जारी किया जा रहा है। ऐसे में विभाग के पांवटा स्थित बीडीओ कार्यालय व शिमला निदेशालय की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठ रहे हैं। उधर, इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी पांवटा साहिब सतपाल राणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह सही है कि कुछ कर्मियों के मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए सीधा बजट उनके नाम मुख्यालय से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि बाकी कर्मियों के बजट आने पर मेडिकल बिलों का भुगतान किया जाएगा। यह भी सही है कि पहली बार व्यक्ति विशेष के नाम मेडिकल बिल के लिए बजट आ रहा है।






source: DivyaHimachal

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