आज होगा नवोदय का एंट्रास टेस्ट, नगर निगम की टीम ने किया सेनेटाइज
सिटी रिपोर्टर-शिमला-राजधानी शिमला के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में शुक्रवार को माहौल बड़ा शांत रहा। शिक्षिका के पॉजिटिव आने के बाद स्कूल खुला, लेकिन स्टॉफ नहीं था। बहुत ही कम शिक्षक व नॉन टीचिंग स्टॉफ स्कूल में मौजूद रहे। हालांकि शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने स्कूल के भवन को सेनेटाइज किया। बावजूद इसके शुक्रवार को कोई भी छात्र स्कूल में नहीं पहंुचा। स्कूल परिसर का कैंपस फिर से बिना छात्रों के सूना सा लग रहा था। पोर्टमोर स्कूल के प्रधानाचार्य नरेंद्र सूद ने कहा कि सोमवार से अब स्कूल में नवमीं से लेकर जमा दो तक के छात्रों की कक्षाएं लगेगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को नवोदय का एंट्रास टेस्ट होगा। ऐसे में अब स्कूल में सोमवार से ही कक्षाएं लगाई जा सकेंगी। फिलहाल शिमला जिला के स्कूल, कालेजों में पढ़ने वाले शिक्षकों को भी कोरोना वायरस अपनी चपेट में ले रहा है। इस वजह से अभी भी अभिभावकों का डर कोरोना वायरस से दूर नहीं हो रहा है।
जानकारी के अनुसार शिमला जिला के स्कूल-कालेजों में छात्रों के आने की संख्या 10 प्रतिशत भी नहीं है। शहर के सरकारी स्कूलों में मात्र दस से ज्यादा छात्र नहीं पहंुच रहे हैं। इसी तरह अगर कालेजों की बात करें, तो कालेजों में तो दस से भी कम छात्र पहंुच रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों में भी अभी रौनक नहीं लौटी है। अभी भी इन स्कूलों में भी छात्रों को अभिभावक नहीं भेज रहे हैं। ऐसे में साफ है कि अभी भी ऑनलाइन स्टडी ही ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए छात्रों की शिक्षा जारी रह सकती है। शिमला जिला के अधिकतर सरकारी स्कूलों को हालांकि रोज सेनेटाइज किया जा रहा है। बावजूद इसके स्कूल में छात्रों को घर से नहीं भेजा रहा है। बता दें कि शहर के सबसे बड़े स्कूल पोर्टमोर में शिक्षक के पॉजिटिव आने के बाद छात्र व उनके अभिभावकों में डर और भी बढ़ गया है। ऐसे में अब अभिभावकों के इस डर को दूर कर पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है।
शिमला जिला शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय से स्कूल प्रबंधन को आदेश दिए गए है कि अगर किसी शिक्षक व छात्रों को कोरोना के सिमटम सामने आते है, तो ऐसे में उन्हें नजदीकी अस्पताल में टेस्ट करवाया जाए। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से लेकर डाक्टर को पूछा जाए, कि क्या यह कोरोना के लक्षण है, या नहीं। अगर किसी को कोविड के लक्षण लगते है, तो उन्हें अवकाश पर भेज दिया। इसके अलावा किसी शिक्षक के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रिसिंपल को ही यह अधिकार दिया गया है कि वह स्कूल को कुछ दिन तक बंद कर सकते है। अहम यह है कि स्कूल, कॉलेजों के ावनों में छात्रों को न देख भी कई शिक्षक काफी निराश महसूस कर रहे थे। अब स्कूलों के मु य गेट पर हैंड सेनिटाईजर की व्यवस्था की गई है। शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा में विद्यार्थियों की सं या अधिक है, उन स्कूलों में सिटिंग प्लान तैयार करने में शिक्षकों को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसके तहत हर स्कूल में देखा जाएगा कि वहां कितने बच्चे पढ़े रहे हैं। कितने कमरे हैं। कितने विद्यार्थियों को शारीरिक दूरी का याल रखते हुए छात्रों को स्कूल में बुलाया जाएं।
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