ठियोग — सीपीआईएम की ठियोग ईकाई के पदाधिकारियों ने शिमला के भराड़ी मैदान में पिछले दिनों हुई पुलिस भर्ती को लेकर ठियोग के युवक -युवतियों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए शुक्रवार को ठियोग के बस स्टैंड में रैली निकालकर 24 घंटे की भूख हड़ताल भी की। सीपीआईएम के नेताओं में राकेश सिंघा के अलावा राजेंद्र चौहान, कपिल भारद्वाज, बालकृष्ण बाली, सुरेश वर्मा, संदीप, सोनू, महेंद्र वर्मा रैली में प्रमुख रूप से शामिल थे। राकेश सिंघा ने बस स्टैंड में हुई रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस भर्ती के दौरान ठियोग के युवाओं को बिना ग्रांउड टेस्ट के ही आउट कर दिया और पुलिस के अधिकारी बार-बार इनसे ये पूछ रहे थे कि ठियोग में बिटिया केस में अपने तो नारे नहीं लगाए या फिर पथराव तो नहीं किया। इस तरह के सवाल ठियोग के युवाओं से भराडी मैदान में किए गए और बिना किसी कारण युवाओं को भर्ती से बाहर किया गया। राकेश सिंघा ने कहा कि अगर इन युवकों ने नारे लगाए भी है तो क्या गुनाह किया है। उन्होंने कहा कि नारे लगाने व विरोध करने की इजाजत हमारे देश का संविधान है उन्होंने कहा कि ये सब नारे बिटिया को न्याय दिलाने के लिए लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि किसी लड़की का रेप हो गया व उसकी हत्या कर दी गई उसके लिए न्याय की मांग करना क्या गलत है। माकपा नेता बालकृष्ण बाली कपिल भारद्वाज ने कहा कि इस भर्ती में ऐसा करने वाले अधिकारी व कर्मियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज ये लड़ाई ठियोग के स्वाभिमान की है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को नौकरी से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि जो पुलिस अधिकारी ठियोग के नाम से नौजवानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं वो इस केस में पहले से संल्पित है और ऐसे अधिकारियों पर सरकार कारवाई करें। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने इसके अलावा बिटिया केस में सीबीआई की कारवाई को सार्वजनिक करने की भी मांग की है।
^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal
Post a Comment