भनौता — जिला मुख्यालय की साथ लगती ग्राम पंचायत सिंगी के आधा दर्जन से अधिक गांवों में बेहतर और स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने का सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। यहां करीब एक वर्ष से भी अधिक समय से डेढ़ हजार आबादी को सीधे नाले से पाइप को जोड़ कर पानी की सप्लाई की जा रही है, जिसके चलते बरसात के मौसम में जलजनित रोगों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है। अहम है कि यहां करीब डेढ़ वर्ष पहले वॉटर फिल्टर टैंक बनाने का कार्य सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया था। लिहाजा लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी यहां इस निर्माण को अंजाम तक नहीं पंहुचाया जा सका है, जिसके चलते उक्त गांवों के डेढ़ हजार से अधिक की आबादी गंदा पानी पीने को मजबूर है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सिंगी के त्रूणा, स्मूही, रेया, डुगली, दडोगा, द्रमटा, घरडूई समेत अन्य गांवों में पेयजल की आपूर्ति डोंरेड नाला से की जाती है। पता चला है कि यहां पर वाटर फील्टर टैंक न होने के चलते ग्रामीणों को सीधे नाले से पानी की पाइपलाइन डाल कर आपूर्ति की जा रही है, जिसके चलते अब बरसात के मौसम में यहां पर जलजनित रोगों के पैदा होने की भी संभावना बन गई है। चूंकि पानी फिल्टर न होने के चलते बरसात के मौसम में ऊपरी क्षेत्रों में होने वाली अत्याधिक बारिश होने से पानी मटमैला हो जाता है। इस स्थिति में वाटर फिल्टर टैंक ना होने के चलते ग्रामीणों को मजबूरन गंदा पानी पीना पडेगा। ग्राम पंचायत सिंगी के उपप्रधान मनोज कुमार शर्मा का कहना है कि यहां पर वाटर फिल्टर टैंक बनाने का कार्य सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने करीब डेढ़ वर्ष पहले शुरू किया था। इस दौरान विभाग ने एक ठेकेदार को इस कार्य का जिम्मा सौंपा था। बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा कार्य में दिलचस्पी न दिखाने के चलते बाद में इसे विभाग को रद्द करना पड़ा। मौजूदा समय में विभाग ने एक अन्य ठेकेदार को इस निर्माण का जिम्मा सौंपा है, लेकिन कार्य धीमा गति से होने के चलते ग्रामीणों को स्वच्छ पानी मिलने की आस में भी लंबी होती जा रही है। सौंपा है।
source: DivyaHimachal
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