घुमारवीं — ग्राम पंचायत भराड़ी के कारन गांव में सवा महीना पहले तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल बीना देवी ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। अब तक क्षेत्र में तेंदुए के हमले में यह पांचवीं मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि घर के साथ लगते खेतों में घास काट रही बीना देवी पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। तेंदुआ बीना देवी को गर्दन से पकड़कर घसीटता हुआ नाले की तरफ ले जा रहा था कि ढलान होने की वजह से बीना देवी उसके जबड़े से छूट गई। इससे तेंदुआ घबरा गया और भाग गया। बीना देवी के शोर मचाने पर लोग वहां पहुंचे और उसे नजदीकी भराड़ी अस्पताल ले गए। 25 फरवरी, 2013 को हुए इस जानलेवा हमले के बाद से लगातार बीना देवी की तबीयत बिगड़ती गई। गर्दन और सिर पर जख्म होने के कारण बीना देवी हमले से उबर नहीं पाई। बीना देवी के पति राजेंद्र कुमार ने बताया कि 25 फरवरी को तेंदुए के हमले के बाद वह अपनी पत्नी को भराड़ी अस्पताल ले गए थे, वहां पर डाक्टरों ने उन्हें बिलासपुर रैफर कर सिटी स्कैन करवाने के लिए कहा था। वह अपनी पत्नी को जिला अस्पताल ले गए और वहां उसका इलाज चलता रहा, लेकिन जिला अस्पताल में बीना देवी का सिटी स्कैन नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में इलाज करवाने के उपरांत वह अपनी पत्नी को घर ले आए थे। सिर के जिस हिस्से में तेंदुए ने हमला कर जख्म किए थे वहां पर लगातार दर्द रहने लगा था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को रात के करीब 10 बजे बीना देवी को सिर दर्द के साथ-साथ पूरे बदन में दर्द होने लगा। बीना देवी की नाजुक हालत को देखते हुए वह उसे भराड़ी अस्पताल ले गए, वहां से उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डाक्टरों ने रात को ही जिला अस्पताल रैफर कर दिया। मृतका के पति राजेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार को भी जिला अस्पताल में उसका सिटी स्कैन नहीं हो पाया, जिस कारण वह उसे सिटी स्कैन करवाने के लिए आनंदपुर ले गए व सिटी स्कैन करवाने के बाद वह अपनी पत्नी को घर ले आए। उन्होंने बताया कि गुरुवार को दोबारा अस्पताल ले जाते समय बीना देवी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। यहां बता दें कि इससे पहले भी तेंदुआ इस क्षेत्र में बच्चों व बडे़ लोगों को हमला कर घायल कर चुका है।
source: DivyaHimachal
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