शिमला — संजौली-आईजीएमसी सड़क पूरी तरह गड्ढों में तबदील हो गई है। गड्ढों भरी सड़क आईजीएमसी अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों की मर्ज को और बढ़ा रही है। आलम यह है यहां सड़क कम तथा गड्ढें अधिक दिखते हैं। सड़क के खस्ताहाल होने से साफ मौसम में धूल तथा बारिश के दौरान कीचड़ से भरे गड्ढें राहगीरों की मुश्किलें बढ़ाते हैं। उल्लेखनीय है कि अंग्रेजों के समय की बनी इस सड़क से रोजाना सैकड़ों लोग पैदल चलकर संजौली से शिमला आते-जाते हैं। इसी प्रकार सैकड़ों लोग एचआरटीसी की टैक्सियों में संजौली से शिमला आते-जाते हैं। यही नहीं इसी सड़क से सैकड़ों मरीज तथा उनके तीमारदार रोजाना आईजीएमसी पहुंचते हैं। उक्त सड़क राजधानी के सबसे पॉश क्षेत्र संजौली-ढली को जोड़ता है। बावजूद इसके इस सड़क संपर्क की हालत खस्ता बनी हुई है। सड़क में गड्ढें होने से गंभीर रोगी का दर्द और बढ़ जाता है। मुख्यतः जिन मरीजों को आपरेशन के बाद अस्पताल के घर भेजा जाता है,उन्हें अधिक दिक्कतें पेश आती हैं। धूल के गुहार मुख्यतः राहगीरों की परेशान कर रहे हैं। संजौली निवासी सुनील खाची, देवेंद्र वर्मा, सुरेंद्र शर्मा, समिट्री निवासी केवल राम, विनय ने बताया कि आईजीएमसी-संजौली सड़क पर गड्ढें होने से पैदल चलना मुश्किल हो गया है। इसी प्रकार गड्ढों के कारण वाहन चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पांच मिनट के सफर में 10 से 15 मिनट का समय लग जाता है। इससे अकसर जाम की स्थिति बनी रहती है। सड़क के खस्ताहाल होने से लोगों में नगर निगम शिमला के खिलाफ जबरदसत रोष व्याप्त है। नगर निगम शिमला के आयुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि निगम ने कुछ समय पूर्व सड़क की टॉयरिंग के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी, लेकिन किसी ने भी इसके लिए आवेदन नहीं किया है।
source: DivyaHimachal
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