खून के प्यासे बने प्रदेश के रोड

नाहन — प्रदेश की भाग्य रेखाएं कही जाने वाली सड़कें खून की प्यासी बन गई हैं। अकेले जनवरी माह में राज्य में 210 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 419 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, वहीं 70 लोग काल के मुंह में समाएं हैं। प्रदेश में वर्ष 2012 में 2899 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिसमें 1109 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 5000 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रदेश में बढ़ रहे सड़क हादसों का मुख्य कारण खस्ताहाल सड़कें बताई जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में जनवरी माह में सबसे अधिक कांगड़ा जिला में 38 सड़क दुर्घटनाएं पेश आई हैं। दूसरे नंबर पर मंडी जिला में 23 तथा ऊना में 25 सड़क हादसे जनवरी माह में घटे हैं। लाहुल-स्पीति प्रदेश का एक ऐसा जिला है, जहां एक भी सड़क हादसा नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश की सर्पीली सड़कें बदहाल हालत में हैं, जिस कारण प्रदेश में आए दिन सड़क हादसे होते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में प्रतिदिन करीब सात सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। प्रतिदिन करीब 16 लोग सड़क हादसों में जख्मी हो रहे हैं, जो चिंता का विषय है। भले ही प्रदेश पुलिस का दावा है कि राज्य में यातायात व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त की जा रही है, लेकिन यदि हादसों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो स्थिति एकदम विपरीत है। बताते हैं कि सड़क में सड़क हादसों के लिए जहां प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें जिम्मेदार हैं, वहीं अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही के कारण पेश आ रही हैं। अधिकतर वाहन चालकों के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस होते हैं और न ही इन सर्पीली सड़कों में नौसिखेए चालक गाड़ी चलाने में पारंगत हैं, जो सड़क हादसों का कारण बनते हैं। जानकार बताते हैं कि विराम लगाना है तो सबसे पहले प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों की दशा सुधारनी होगी। साथ ही पुलिस को यातायात नियमों को सख्ती से लागू करना पड़ेगा।






source: DivyaHimachal

Full Story at: http://www.divyahimachal.com/himachal-latest-news/%e0%a4%96%e0%a5%82%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%95/

Post a Comment

Latest
Total Pageviews