नर्सिंग, जीएनएम और पोस्ट बेसिक छात्रों को सरकार जल्द करे प्रोमोट

एसएफआई राज्य कमेटी ने प्रदेश सचिवालय के बाहर बोला हल्ला, प्रदेश सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

शिमला-एसएफआई राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश द्वारा नर्सिंग छात्राओं के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश सचिवालय के बाहर नर्सिंग, जीएनएम तथा पोस्ट बेसिक नर्सिंग के छात्रों को प्रोमोट करने के लिए व कोरोना काल में छात्रों से अतिरिक्त फीस वसूलने के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एसएफआई का प्रतिनिधिमंडल नर्सिंग छात्राओं के साथ हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य शिक्षा सचिव से भी मिला, और उनके सामने मांग रखी गई कि होस्टल व मिसलेनियस चार्जेज के नाम पर फीस वसूलना बंद करो। एसएफआई ने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों से मार्च के बाद हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना महामारी के बाद सभी शिक्षण संस्थान बंद है, जिस कारण छात्रों को होस्टल बंद करके प्रशासन ने घर में ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करने आदेश दिए थे। इस दौरान होस्टल बंद थे तो छात्राओं ने न ही होस्टल मैस का इस्तेमाल किया, न ही कालेज की परिवहन सुविधा का इस्तेमाल किया। लेकिन उसके बावजूद भी सभी नर्सिग कालेजों में छात्राओं से 70 हजार के करीब होस्टल, मैस व परिवहन के नाम पर फीस ली जा रही है जो कि सरासर छात्रों की लूट है। एसएफआई ने प्रदर्शन के माध्यम से आरोप लगाया कि हम कोरोना काल मंे आर्थिक संकट गहराया है, जिससे प्रदेश में भी आमदनी के साधन लगभग समाप्त होते जा रहे हंै लेकिन निजी शिक्षण संस्थानो द्वारा फीस बढ़ोतरी कर छात्रो व अभिभावकों को इस तरह से प्रताडि़त करने के कारण ही छात्रो के बीच आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसके लिए कहीं न कहीं सरकार व शिक्षा विभाग जिम्मेदार है, जो निजी शिक्षण संस्थानों की लूट को रोकने में नाकाम रहे है। छात्रों ने मांग उठाई कि नर्सिग छात्राओं को प्रमोट किया जाए। वर्तमान समय मे हिमाचल प्रदेश में 32 के करीब निजी व सरकारी नर्सिग कालेज चल रहे हंै, जिसमे 6500 के करीब छात्राएं अध्ययनरत हैं।

मार्च में शैक्षिणक संस्थान बन्द होने के बाद अभी तक छात्र न तो क्लीनिकल ट्रेनिग पर हॉस्पिटल जा पाए है, न ही छात्राओं के प्रैक्टिकल्स लिए गए है। ऐसे में राष्ट्रीय नर्सिंग काउंसिल द्वारा भी छात्राओं को प्रोमोट करने के लिए राज्यो को निर्देश दिए गए। लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नर्सिंग छात्रो को अभी तक न तो प्रोमोट किया गया है न ही उनकी परीक्षाओं को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी किए गए है। ऐसे में छात्र मानसिक रूप से भी परेशान है और परीक्षाओ को लेकर चल रही असमंजस ने छात्रो के भविष्य को दांव पर लगा दिया है। एसएफआई ने प्रदर्शन के माध्यम से आरोन लगाया कि बीएससी 1, 2, 3  व जीएनएम  1 व 2 वर्ष के छात्रो को प्रोमोट किया जाए। इसके साथ ही बीएससी पोस्ट बेसिक नर्सिंग व एमएससी नर्सिंग के छात्रों को भी प्रोमोट किया जाए। नर्सिंग में वर्ष भर के प्रैक्टिकल्स फाइल्स को बिना प्रैक्टिकल ट्रेनिग के एक सप्ताह में बनाने के लिए छात्राओं पर दबाव बनाया जा रहा है। जो कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के खिलाफ है। एसएफआई ने दो टूक कहा कि सरकार अगर 15 नवंबर तक इन मांगों को पूरा करने के लिए कोई पहलकदमी नही करती है, तो एसएफआई पूरे प्रदेश से नर्सिंग छात्राओं को एकजुट करते हुए हर  विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा सदस्य का घेराव  करेगी व 20 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

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