मटर 156 रुपए किलो

राजधानी में प्याज-आलू के दाम घटे, लेकिन दुकानदारों ने गायब की रेट लिस्ट

शिमला-राजधानी शिमला में महंगाई लगातार अपना रौद्र रूप दिखा रही है। जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रसोई से सब्जियां गायब हो रही हैं। बता दें कि कुछ समय पहले प्याज के दामों में कुछ गिरावट भी आई, मगर फिर स्थिति ज्यों की त्यों बन गई है। बता दें कि मंगलवार को प्याज दो रुपए कम हुआ, तो आलू का रेट भी छह रुपए तक गिरा। तो ऐसे में मटर के भाव सीधे 20 रुपए किलो बढ़ गए हैं। शिमला में मंगलवार को मटर सीधे 156 रुपए तक पहुंच गया। इसी तरह प्याज की बात करें, तो यह 66 रुपए किलो पहुंच गया है। सब्जियों के इतने भाव हैरान करने वाले है। त्यौहारी सीजन मेें फल-सब्जियों के बढ़ते जा रहे भाव आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। हैरानी इस बात की है, सीजनली फ्रूट के दाम भी ज्यादा होने की वजह से लोग इनसे भी दूर हो रहे हैं। जिस तरह से सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं, उसी तरह गृहणियों ने अपनी रसोई में दालों का भंडारण करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से रोज सब्जी मंडी में फल-सब्जियों के दामों पर रेट लिस्ट तो लगाई जाती है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि मंडी में भी कई जगह-जगह अलग रेट हैं। वहीं मनमानी इस कद्र से बढ़ गई है कि अब दुकानदार रेट लीस्ट तक नहीं लगा रहे है। शिमला शहर के खलीणी, टुटू, विकासनगर, पंथाघांटी, संजौली, ढली में सब्जी विक्रेता मनमाने ढंग से सब्जियां बेच रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से जो रेट लगाए गए है, उससे डबल रेट पर फल सब्जियों को बेचा रहा है। हैरानी इस बात की है कि जिला प्रशासन की ओर से भी रेड नहीं मारी जा रही है।

यहां तक कि प्रशासन के आंखों के सामने लोअर बाजार में ही मनमानी सामने आ रही है। ऐसे में अब शहर के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। त्यौहारी सीजन में महिलाएं सब्जी मंडी तक तो पहुंच रहीं हैं, लेकिन सब्जियां मात्र नाम के लिए ही ली जा रही हैं। लगातार बढ़ रही मंहगाई के इस रूप से लग रहा है कि लोगों का करवाचौथ का पर्व भी फीका ही जाने वाला है। इस बार इस पर्व में महिलाएं ज्यादा पकवान भी नहीं बना पाएंगी। बता दें कि गाजर, बंद गोभी, अदरक, घीया के भी दाम कम नहीं हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार शिमला सब्जी मंडी में दिल्ली, चंडीगढ़ से सब्जियों की सप्लाई आ रही है। यही वजह है कि लगातार सब्जियों के  भाव बढ़ रहे हैं। बता दें कि  त्यौहारी सीजन में शिमला में देखने को आया है कि लोग सब्जियां कम ही खरीद रहे हैं। बता दें कि उपनगरों में सब्जी विक्रेताओं की मनमानी को रोकने के लिए अगर प्रशासन ने कदम नहीं उठाए, तो इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। वहीं आम लोगों का त्यौहार तो फीका रहेगा ही साथ ही किचन से भी सब्जियां गायब हो रही हैं।

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