गजक-रेवड़ी से सजे शिमला के बाजार

राजधानी में लोहड़ी पर्व के लिए रौनक बढ़ी, खरीददारी में जुटे लोग

शिमला  – हर त्योहार और पर्व की रौनक में राजधानी शिमला के बाजार भी रंग जाते हैं। इस बार भी शिमला के बाजार लोहड़ी के त्योहार के लिए सज चुके हैं। वर्ष का यह पहला पर्व होता है, जिसको धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष पर्व को खास बनाने के लिए राजधानी शिमला का बाजार भी पूरी तरह से सज चुका है। शिमला के बाजारों की दुकानों पर रेवड़ी, गजक और मूंगफली के स्टाल सजाए गए हैं। इस त्योहार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। त्योहार की खास बात यह है कि इसकी रौनक ही तिल, गुड़, गजक और रेवड़ी की मिठास से खास बनती है। ऐसे में बाजारों में भी इस पर्व पर रेवड़ी, गजक और तिलपट्टी के अलग-अलग स्टाल लगाए गए हैं। दुकानों पर इन सब चीजों की खरीददारी लोगों द्वारा की जा रही है। दुकानों पर गजक, मूंगफली व तिलपट्टी के अलग-अलग पैकिंग भी इस बार बाजार में खास रूप से लोहड़ी के लिए लाई गई है। लोहड़ी पर इन्हें घर के साथ-साथ तोहफों के रूप में देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बाजारों में लोहड़ी की खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। पर्व की खुशियां अपनों के साथ बांटने के लिए खरीददारी करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। लोहड़ी पर राजधानी शिमला में जगह-जगह लोहड़ी जलाने के साथ ही ढोल-नगाड़ों की थाप पर डांस किया जाता है। बाजारों में इस दिन पर सभी एक साथ मिलकर पर्व की खुशियां साझा करते हैं। पहले जहां बच्चों द्वारा लोहड़ी पर घर-घर जाकर लोहड़ी गाकर लोहड़ी मांगने का भी चलन था, जो अब खत्म होता जा रहा है, लेकिन अभी भी बाजारों में व्यापारी वर्ग एक साथ मिलकर इस पर्व की खुशियां साझा करते हैं। लोहड़ी जलाने के बाद मूंगफली, रेवड़ी और गजक का प्रसाद भी एक दूसरे को बांटा जाता है।

तत्तापानी में पवित्र स्नान और दान पुण्य

लोहड़ी पर जिला शिमला के तत्तापानी में पवित्र स्नान किया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में लोग इस स्थान पर पवित्र स्नान करने के साथ ही दान पुण्य भी करते हैं। इस दिन पर अन्न का दान करने के साथ ही खिचड़ी भी बनाई जाती है।


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