शिमला — राजधानी शिमला के सबसे नजदीक जोनल अस्पताल में अभी तक आर्थो ओपीडी शिफ्ट नहीं हो पाई है। रिपन अस्पताल के नए भवन के निर्माण कार्य को पूरा हुए सात महीने हो गए हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन की नाकामी कहें या स्वास्थ्य विभाग की, जो अभी तक अस्पताल के नए भवन में मरीजों को सुविधा नहीं मिल पाई है। करोड़ों का खर्चा कर इस मकसद से इस भवन को बनाया गया था कि सड़क के बिलकुल साथ होने की वजह से मरीजों को राहत मिलेगी। बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं व मरीजों को ज्यादा चलना नहीं पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग अस्पताल प्रशासन के इन दावों का फायदा अभी तक मरीजों को नहीं मिल पाया है। अस्पताल में आज भी हालत यह है कि पर्ची बनाने के बाद टेस्ट के लिए मरीजों को पुराने भवन में ही जाना पड़ता है। वहीं, आर्थो के मरीज जिनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई हो, बाजू, टांग फ्रेक्चर हो या हड्डियों से संबंधित समस्या हो ऐसे मरीजों अस्पताल में ज्यादा परेशान होते हैं। कारण यह है कि ऑर्थो के मरीज को पर्ची बनाने के बाद एक्स-रे के लिए पुराने भवन में जाना पड़ता है। इसके बाद अगर प्लास्टर करवाना हो तो वापस नए भवन की ओर जाना पड़ता है। इस तरह मरीज को पूरा दिन अस्पताल के ऊपर-नीचे ही चक्कर काटने पड़ते हैं।
नए भवन में चार ओपीडी शिफ्ट
करोड़ों की लागत से बनाए गए रिपन अस्पताल के नए भवन में अभी तक चार ओपीडी ही शिफ्ट की गई हैं। मौजूदा समय में मेडिसन, गायनी, पीडियाट्रिक्स, जनरल ओपीडी नए भवन में शिफ्ट की गई है। स्थानीय लोगों की मांग है कि आर्थो ओपीडी का नए भवन में शिफ्ट करना बहुत जरूरी है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि जल्द आर्थो ओपीडी को नए भवन में शिफ्ट किया जाए।
^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal
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