सीएम की रेस में शिमला

कार्यकर्ता लगा रहे अपने-अपने नेता के मुख्यमंत्री बनने के कयास

शिमला— सरकार में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री   की दौड़ में शिमला जिला भी शामिल है। शिमला जिला का प्रदेश की सियासत में अपना अलग महत्त्व रहा है क्योंकि इस जिला ने राज्य को दो मुख्यमंत्री दिए हैं। संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां से तीन मुख्यमंत्री रहे हैं, जिनमें डा. यशवंत सिंह परमार, ठाकुर राम लाल व वीरभद्र सिंह के नाम शामिल हैं। अब भाजपा भी अपना सीएम तलाश रही है और इसमें भी शिमला जिला शामिल है क्योंकि यहां से भाजपा के दो वरिष्ठ नेता पार्टी के पास मौजूद हैं। शिमला शहर से विधायक सुरेश भारद्वाज व जुब्बल कोटखाई से विधायक नरेंद्र बरागटा सीएम पद की दौड़ में शामिल हैं। सुरेश भारद्वाज जनसंघ के समय से भाजपा से जुड़े हैं, जोकि पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। वहीं, राज्यसभा में भी यहां से सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने शिमला शहर में चार दफा चुनाव जीता है। इस दफा उनका ये चौथा चुनाव था जिसमें भी भारी मतों से वह जीत दर्ज करके आए हैं। क्योेंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है तो सुरेश भारद्वाज भी इसमें पीछे नहीं हैं। उनके साथ जिला से नरेंद्र बरागटा का नाम भी सामने है, जो तीसरी दफा चुनाव जीतकर आए हैं। वह शिमला शहर से जहां विधायक रहे। वहीं, जुब्बल कोटखाई से भी दूसरी दफा विधायक बनकर आए हैं। सीएम चुनने के मामले में पार्टी को इन दोनों चेहरों पर भी विचार करना होगा। इन परिस्थितियों में शिमला जिला  एक दफा फिर से चर्चा में है क्योंकि इस जिला ने प्रदेश को दो मुख्यमंत्री दिए हैं, जिन्होंने कई साल तक प्रदेश में वर्चस्व को कायम रखा। भाजपा में चल रही अटकलों के बीच शिमला जिला के लोग भी ये सोच रहे हैं कि उनके जिला से भी वरिष्ठ नेता जीतकर आए हैं और क्यों ना पार्टी इनमें से ही किसी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुने।  देखना होगा कि क्या शिमला को भाजपा भी मुख्यमंत्री देगी या नहीं।


^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal

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