बच्चों ने रद्दी, डिस्पोजेबल और टूटे कांच के टुकड़ों से बनाया सजावटी सामान
शिमला — जिन चीजों को अक्सर हम फालतू समझ कर रद्दी की टोकरी में फेंक देते हैं अगर वहीं चीजें नन्हें सृजनात्मक हाथों में पड़ जाए तो यही फालतू सामान हमारे घर को चार चांद लगा सकते हैं। वेस्ट मैटीरियल से बेहद आकर्षक और सजावटी सामान बनाने का कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया शिमला पब्लिक स्कूल के नन्हें बच्चों ने शनिवार को शिमला पब्लिक स्कूल में हस्त शिल्प कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ सुबह दस बजे शैलेडे की प्रधानाचार्या ममता राठौर ने किया। प्रदर्शनी में शिमला पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या अनु शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रही। मुख्यातिथि ने छात्रों द्वारा बनाई गई कृतियों की खूब सराहना की। स्कूल की मीडिया प्रभारी अमिता भारद्वाज ने बताया कि घर में बेकार वस्तुओं को अकसर डस्टबिन का हिस्सा मानकर उसे फेंक दिया जाता है, लेकिन जरा सी मेहनत से इन बेकार चीजों से न केवल घर को सजाया जा सकता है, बल्कि यह सृजन क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक साबित होती है। यह सारी कृतियां अपशिष्ट वस्तुओं द्वारा बनाई गई थी। अपशिष्ट वस्तुओं का इस प्रकार, खूबसूरती से सदुपयोग सच में सराहनीय था। प्रदर्शनी में बोतल और प्लास्टिक के चम्मच से आकर्षक फ्लावर पॉट, डोर हैगिंग, जूतों के खाली डिब्बों से सजावटी बॉक्स, लालटेन, टेबल लैंप, अखबारों से बनाई गई टोकरियां, रावण, ऊन के धागों से बनी सीनरियां समेत कई आकर्षक वस्तुएं अभिभावकों के आकर्षक का केंद्र रही। इस मौके पर स्वास्तिका, आर्यन, कात्यायनी, मेघना, अराध्या, तृषा, अकांक्षा, पार्थ, दीया, कुदरत, मन्नत, पेमा और समेत कई अन्य विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शनी में बनाई गई वस्तुओं के बारे में संक्षिप्त तौर पर बताया गया।
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