शिमला — आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन यहां पर अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों का मर्ज अकसर दोगुना हो जाता है। गुरुवार को कैजुअल्टी में ऐसी ही अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। शिमला में 103 के पास एक कार मुख्य सड़क से नीचे रेलवे ट्रैक पर जा गिरी। दुर्घटना के समय गाड़ी में दो व्यक्ति थे। एक चालक व एक अन्य व्यक्ति। इस कार को बल्देंया निवासी (52 वर्ष) राजेश कुमार चला रहा था। दुर्घटना में चालक की मौके पर ही मौत हो गई ,जबकि एक अन्य व्यक्ति दिग्विजय सिरमौर शिलाई को गंभीर चोटें आईं। उसे आईजीएमसी में भर्ती करवाया गया। कैजुअल्टी में इलाज के बाद पुनर्श्चेतन कक्ष में दिग्विजय को रखा गया। हालांकि दिग्विजय की हालत को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती किया जाना था, लेकिन आईसीयू में बेड खाली न होने के कारण दिग्विजय को शिफ्ट नहीं किया जा सका। इसके चलते परिजनों को हाथ से ही पंप के सहारे आक्सीजन भी दिग्विजय को लगातार देनी पड़ रही है। यह पहला मौका नहीं है जब आईजीएमसी में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी है। आइजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसके बावजूद यहां पर जरूररत के हिसाब से आईसीयू में बेड की कमी है। आईसीयू में महज छह बेड हैं जहां पर वेंटीलेटर की व्यवस्था है। इन छह में से एक वेंटीलेटर लंबे समय से खराब है।
दो ब्लॉक में लिफ्ट भी खराब
कैजुअल्टी ब्लॉक में मरीजों के लिए लगाई गई लिफ्ट खराब है। इसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि एक लिफ्ट जो स्टाफ के लिए लगाई गई है वह चल रही है, लेकिन आईजीएमसी में भीड़ को देखते हुए एक लिफ्ट नाकाफी साबित हो रही है। वहीं डी ब्लॉक में भी पिछले कई दिनों से लिफ्ट बंद है।
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